एफएसएसएआई खाद्य सुरक्षा में बना वर्ल्ड लीडर, 14 विश्वस्तरीय मानक विकसित किए : जेपी नड्डा

नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) खाद्य सुरक्षा और मानकों के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी संस्थान बनकर उभरा है।
राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम में आयोजित तीसरे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, नड्डा ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन वैश्विक खाद्य सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा और खाद्य प्रणालियों को सुरक्षित, सुदृढ़ और समावेशी बनाने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ाएगा।
उन्होंने वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानकों को विकसित करने में एफएसएसएआई की अहम भूमिका के बारे में भी बताया, जिसमें रैपिड टेस्टिंग किट और टेस्टिंग के लिए मोबाइल लैब्स की शुरुआत करना शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एफएसएसएआई खाद्य सुरक्षा और मानकों के क्षेत्र में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरा है और कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत, एफएसएसएआई के माध्यम से, मसालों और जड़ी-बूटियों पर कोडेक्स समिति का आयोजन करता है और उसने 14 वैश्विक मानक विकसित किए हैं और एशिया के लिए क्षेत्रीय समन्वयक के रूप में कार्य करता है, जो स्ट्रीट फूड सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है।”
नड्डा ने कहा, “भारत ने बाजरा, काजू और उन्नत पूरक एवं कार्यात्मक खाद्य मानकों से संबंधित मानकों के लिए महत्वपूर्ण कोडेक्स समर्थन प्राप्त किया है।”
नड्डा ने कहा, “राष्ट्रीय स्तर पर एफएसएसएआई ने खाद्य मानकों का आधुनिकीकरण किया है, रैपिड टेस्टिंग किट को मंजूरी दी है और मोबाइल टेस्टिंग लैब्स सहित लैब्स के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया है।”
इसके अलावा, उन्होंने खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि “हमारे आहार की गुणवत्ता हमारे शरीर, मन और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।”
स्वास्थ्य मंत्री ने खाद्य को “एक शक्तिशाली शक्ति” भी कहा और वैश्विक विश्वास बनाने के लिए बेहतर अनुपालन की आवश्यकता पर बल दिया।
खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि खाद्य उत्पादों के वैश्विक आदान-प्रदान का स्वास्थ्य और कल्याण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
नड्डा ने कहा, “जब देश खाद्य उत्पादों के वैश्विक आदान-प्रदान में शामिल होते हैं, तो वे केवल वस्तुओं का व्यापार नहीं करते। इसका उनकी आबादी के स्वास्थ्य और कल्याण पर प्रभाव पड़ता है।”
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “खाद्य सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक से गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है, व्यापार बाधित हो सकता है, तथा व्यवसायों और राष्ट्रों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, खाद्य सुरक्षा का तात्पर्य केवल अनुपालन से नहीं है, बल्कि इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वैश्विक खाद्य प्रणालियों में विश्वास का निर्माण करती है।”
–आईएएनएस
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