डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला, विदेशी दवाओं, फर्नीचर और ट्रकों पर लगाया भारी आयात शुल्क


वाशिंगटन, 26 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए टैरिफ की घोषणा से फिर दुनिया को हैरान कर दिया है। इस बार डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी फार्मास्यूटिकल्स, किचन कैबिनेट, फर्नीचर और ट्रकों पर भारी आयात शुल्क की घोषणा की है। उनका कहना है कि यह कदम अमेरिकी उद्योगों और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए उठाया जा रहा है।

राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा के अनुसार यह विशेष टैरिफ व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू होगी। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि ये कदम अमेरिकी ट्रक ड्राइवरों, विनिर्माण प्रक्रिया और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए जरूरी हैं।

ट्रंप ने विशेष रूप से भारी ट्रकों (हेवी ट्रक्स) पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही। उन्होंने कहा, “हमारे हेवी ट्रक विनिर्माणकर्ताओं को अनुचित बाहरी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए 1 अक्टूबर से दुनिया के अन्य हिस्सों में बने सभी ‘हेवी ट्रकों’ पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।”

उन्होंने पीटरबिल्ट, केनवर्थ, फ्रेटलाइनर और मैक ट्रक्स जैसी प्रमुख अमेरिकी कंपनियों का जिक्र करते हुए कहा कि ये कंपनियां विदेशी हस्तक्षेप से सुरक्षित रहेंगी।

इसी तरह, रसोई कैबिनेट्स, बाथरूम वैनिटी और संबंधित उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ, जबकि अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की गई।

राष्ट्रपति ने कहा, “ये उत्पाद अन्य देशों की ओर से बड़े पैमाने पर अमेरिका में ‘फ्लडिंग’ हैं, जो एक अनुचित प्रथा है। राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य कारणों से हमारी विनिर्माण प्रक्रिया को बचाना जरूरी है।”

सबसे कठोर कदम फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर उठाया गया है। ट्रंप ने ब्रांडेड या पेटेंटेड फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया, लेकिन छूट दी कि अगर कोई कंपनी अमेरिका में अपनी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण करती है तो उस पर टैरिफ नहीं लगेगा।

उन्होंने कहा, “इससे अमेरिकी दवा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी निर्भरता कम होगी।”

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी पोस्ट में अर्थव्यवस्था की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, “अर्थव्यवस्था पर शानदार आंकड़े आए (लगभग 3.8 प्रतिशत) और हमारी सफलता साफ दिख रही है, लेकिन ब्याज दरें बहुत ऊंची हैं। अगर जेरोम ‘टू लेट’ पॉवेल न होते, तो हम अभी 2 प्रतिशत पर होते और बजट संतुलित करने की प्रक्रिया में होते। अच्छी खबर यह है कि हम उनकी अक्षमता से पार पा रहे हैं और जल्द ही देश अभूतपूर्व सफलता हासिल करेगा।”

–आईएएनएस

डीसीएच/एबीएम


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