भारत में कंज्यूमर सेक्टर में सुधार के संकेत, आयकर और जीएसटी रेट कटौती का दिखेगा असर : रिपोर्ट


नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। भारत में कंज्यूमर सेक्टर में शहरी मांग में एक वर्ष से अधिक समय तक कमजोर बने रहने के बाद, सुधार के संकेत दिख रहे हैं। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च के अनुसार, यह सुधार अनुकूल आधार, आयकर में कटौती और जीएसटी रेट कट की वजह से देखे जाने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन उपायों से लगभग 2-2.5 लाख करोड़ रुपए सीधे उपभोक्ताओं के हाथ में आएंगे, जो कुल घरेलू खर्च का लगभग 2-8 प्रतिशत होगा।

एचएसबीसी ने कहा कि कोरोना के बाद की तेजी के बाद से खपत का माहौल सुस्त रहा है, लेकिन हाल के नीतिगत बदलावों से सेक्टर को जरूरी बढ़ावा मिल सकता है।

सुस्त रही शहरी मांग में सुधार होने की उम्मीद है, जबकि बढ़ती वास्तविक मजदूरी से ग्रामीण मांग पहले से ही मजबूत बनी हुई है।

हालांकि, रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अधिक बचत या ऋण की चुकौती से रिकवरी की गति धीमी हो सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी रेट में कटौती से घरेलू और पर्सनल केयर सेगमेंट की तुलना में खाद्य और पेय कंपनियों को अधिक लाभ होगा।

छोटे पैक वाले बिस्कुट, नमकीन स्नैक्स और चॉकलेट जैसे उत्पादों की खपत में सीधे बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

वहीं, साबुन और ओरल केयर जैसी कैटेगरी में मांग में केवल एक बार उछाल देखने को मिल सकता है।

इस बीच, इस सप्ताह की शुरुआत में व्यापारियों और व्यवसाय मालिकों ने भी नई जीएसटी व्यवस्था का स्वागत किया और कहा कि इन बदलावों से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम होंगी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने त्योहारों के मौसम में इन उपायों को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की।

एक ब्रांडेड कपड़ों की दुकान के मालिक एस.के. सरद ने 22 सितंबर को आईएएनएस को बताया कि नई जीएसटी व्यवस्था ने सिस्टम को सरल बनाया है और कई टैक्स की पुरानी समस्याओं को ठीक किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने जीएसटी के माध्यम से लगभग 55 लाख करोड़ रुपए पहले ही एकत्र कर लिए हैं, जिसका उपयोग राष्ट्रीय विकास और रक्षा के लिए किया जा रहा है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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