पुणे में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में हुई 13 प्रतिशत की वृद्धि, अफोर्डेबल घरों की मांग बढ़ी


नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। पुणे के प्रॉपर्टी बाजार में इस साल जनवरी और अगस्त के बीच रजिस्ट्रेशन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि बीते चार वर्षों में शहर का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। यह जानकारी गुरुवार को जारी रिपोर्ट में दी गई।

नाइट फ्रैंक इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि के दौरान स्टांप शुल्क संग्रह में भी सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो अगस्त में बिक्री में मामूली गिरावट के बावजूद आवास बाजार में निरंतर मांग की गति को दर्शाता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि शहर में अगस्त में 13,253 प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए, जो सालाना आधार पर 3 प्रतिशत कम हैं, जिससे स्टांप शुल्क के रूप में 485 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।

अगस्त में अफोर्डेबल घरों के सेगमेंट में प्रॉपर्टी लेनदेन सबसे अधिक रहा, जो महीने के दौरान हुए कुल रजिस्ट्रेशन का 30 प्रतिशत था।

अफोर्डेबल घरों में 25 लाख रुपए तक की प्रॉपर्टी को शामिल किया जाता है।

25 लाख रुपए तक की कीमत वाली कुल 3,975 इकाइयों के पंजीकरण के साथ, इस सेगमेंट में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रीमियम आवासों की मांग भी बढ़ी है और 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री पिछले वर्ष के 15 प्रतिशत से बढ़कर 16 प्रतिशत हो गई है।

कुल बिक्री में 1 करोड़ रुपए तक की कीमत वाली संपत्तियों की अभी भी सबसे अधिक हिस्सेदारी है, हालांकि समीक्षा अवधि में यह 85 प्रतिशत से घटकर 84 प्रतिशत रह गई है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि पुणे के प्रॉपर्टी बाजार में पिछले वर्ष की तुलना में पंजीकरण और राजस्व में कमी देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर मांग में तेजी बरकरार है।

उन्होंने आगे कहा कि साल-दर-साल बिक्री और राजस्व में देखी गई मजबूती, बदलती बाजार परिस्थितियों के बावजूद, पुणे के आवास बाजार में मांग की गहराई को दर्शाती है।

800 वर्ग फुट से बड़े बड़े अपार्टमेंट की मांग 1 प्रतिशत बढ़कर 33 प्रतिशत हो गई, जबकि 500 ​​वर्ग फुट से कम आकार वाले छोटे अपार्टमेंट की मांग 5 प्रतिशत बढ़कर 27 प्रतिशत हो गई।

अगस्त में, मध्य पुणे में 68 प्रतिशत लेनदेन हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी कम है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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