एसिमेट्रिक वॉरफेयर के जरिए ही हम तरह के खतरे का प्रभावी ढंग से कर पाएंगे सामना


नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस) । एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने मंगलवार को कहा कि एसिमेट्रिक वॉरफेयर के जरिए ही हम तरह के खतरे का प्रभावी ढंग से सामना कर पाएंगे।

‘काउंटर यूएवी एंड एयर डिफेंस सिस्टम्स- द फ्यूचर ऑफ मॉडर्न वॉरफेयर’ पर कॉन्फ्ररेंस के साइडलाइन में एयर मार्शल दीक्षित ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, “हम आत्मनिर्भरता के लिए अपना योगदान लगातार बढ़ा रहे हैं। एसिमेट्रिक वारफेयर के जरिए ही हम तरह के खतरे का प्रभावी ढंग से सामना कर पाएंगे और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ा सकेंगे।”

पीएचडीसीसीआई के इस कार्यक्रम में एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा, “आज का विषय है काउंटर यूएवी और एयर डिफेंस सिस्टम है। इसमें कई बातें छिपी हुई बातें हैं। जब हम अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) की बात करते हैं तो इसका मतलब है कोई भी ऐसी चीज जो हवा में स्वतंत्र रूप से एक जगह से दूसरी जगह जाती है। हम भारत सरकार की परिभाषा के अनुसार चलेंगे, क्योंकि सरकार ने इस पर कई बिल पेश किए हैं।”

उन्होंने कहा कि यह लगभग कोविड के समय में आया और इसने उस समय रोड इंडस्ट्री में क्रांति ला दी।

उन्होंने अपनी बात समझाते हुए कहा, “इससे पहले, मुझे याद है, सड़क की टेस्टिंग या ड्रोन उड़ाने के लिए अगर एक आईटी पर्सन भी मैदान में आता था तो उसे पुलिस पकड़ लेती थी। इसलिए ड्रोन इंडस्ट्री के लिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम था।”

एयर मार्शल ने कहा कि उस समय हमें यह एहसास हुआ कि अब इस तरह के बहुत सारे व्हीकल होंगे। ये ड्रोन आएंगे और हमने काउंटर ड्रोन सिस्टम के बारे में काम करना और बात करना शुरू कर दिया।

एयर मार्शल राकेश सिन्हा ने कार्यक्रम के संबोधन में कहा कि कुछ देश जटिलमानव रहित हवाई वाहन का इस्तेमाल कर रहे हैं, आज असल में एयर डिफेंस सिस्टम के क्षेत्र में हथियारों की होड़ के लिए माहौल बन गया है। ड्रोन युद्ध के विकास ने इन काउंटरमेजर को बढ़ावा दिया है, जिससे यह पता चला है कि एयर डिफेंस सिस्टम को कैसे डिजाइन, विकसित और तैनात किया जाना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक सैन्य संघर्षों ने दिखाया है कि ड्रोन किस तरह ऑपरेशनल रणनीति और परिणामों पर असर डालते हैं।

उन्होंने कहा, “रूस-यूक्रेन युद्ध में हमने देखा कि मानव रहित हवाई वाहन (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) युद्धक्षेत्र में लगभग 60-70 प्रतिशत नुकसान का कारण बने। यह बदलाव केवल जासूसी तक सीमित नहीं है। आज इसमें सटीक हमले, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और ऐसे हमले भी शामिल हैं, जो किसी भी उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम को भी मात दे सकते हैं।”

–आईएएनएस

एसकेटी/


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