ईडी ने मॉरीशस में मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय खुफिया जानकारी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया


नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मॉरीशस के वित्तीय अपराध आयोग (एफसीसी) के अधिकारियों के लिए 22 से 26 सितंबर, 2025 तक एक विशेष तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के लिए ईडी ने चार वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम को मॉरीशस भेजा है।

यह पहल मार्च 2025 में हस्ताक्षरित ईडी-एफसीसी समझौता ज्ञापन (एमओयू) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वित्तीय अपराधों से निपटने में दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मॉरीशस के 2025 के दूसरे राष्ट्रीय जोखिम मूल्यांकन में पहचाने गए मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) खतरों और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिसका लक्ष्य एफसीसी के नव नियुक्त जांचकर्ताओं और परिसंपत्ति वसूली विशेषज्ञों की क्षमता निर्माण करना है।

कार्यक्रम में मनी लॉन्ड्रिंग जांच, वित्तीय खुफिया जानकारी, संपत्ति वसूली, साइबर अपराध और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे विषयों पर व्यावहारिक कार्यशालाएं शामिल हैं। ये सत्र वित्तीय अपराधों की जांच में अनुभवों के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं के विकास और सक्रिय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं।

कार्यक्रम का उद्घाटन 22 सितंबर, 2025 को मॉरीशस के रेडुइट ट्रायंगल, मोका, पोर्ट लुई में स्थित एफसीसी सभागार में हुआ। इस अवसर पर मॉरीशस के कनिष्ठ वित्त मंत्री और एफसीसी संसदीय समिति के अध्यक्ष माननीय धनेश्वर दामरी, एफसीसी के कार्यवाहक महानिदेशक तित्रुदेव दाऊदरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे ईडी के विशेष निदेशक (मुख्यालय) ने भारत और मॉरीशस के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन को उद्धृत करते हुए कहा, “भारत और मॉरीशस केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्यक्रम दोनों देशों के बीच संस्थागत सहयोग को और गहरा करने, तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने और वैश्विक वित्तीय अपराधों से निपटने के साझा लक्ष्य को समर्थन देने के लिए आयोजित किया गया है। यह पहल ईडी-एफसीसी सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है।

–आईएएनएस

एससीएच


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