फिलिस्तीन को मान्यता देना आतंक को इनाम देना है: बेंजामिन नेतन्याहू


यरूशलम, 21 सितंबर (आईएएनएस)। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उन अंतरराष्ट्रीय नेताओं को कड़ी फटकार लगाई है, जिन्होंने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है। पीएम नेतन्याहू ने इसे ‘आतंकवाद को इनाम देने जैसा’ करार दिया।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा, “मेरे पास उन सभी नेताओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है जो फिलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं, खासकर 7 अक्टूबर के भयानक नरसंहार के बाद। आप आतंक को एक बहुत बड़ा इनाम दे रहे हैं।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दे चुके हैं।

वहीं, इजरायली सेना (आईडीएफ) के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने एक वीडियो बयान में बताया कि अब सेना ने गाजा सिटी के और अंदर तक अपनी कार्रवाई बढ़ा दी है। उन्होंने कहा, “हमारा ऑपरेशन अब हमास के मुख्य गढ़ पर केंद्रित है। हमारी सेनाएं जमीन के ऊपर और सुरंगों में आतंकवादियों से लड़ रही हैं।”

डेफ्रिन ने बताया कि अब तक 5.5 लाख लोग गाजा के दक्षिणी हिस्से की ओर सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं, क्योंकि इजरायल ने नागरिकों के लिए राहत कॉरिडोर खुले रखे हैं। उन्होंने कहा, आईडीएफ लगातार मानवीय क्षेत्रों को मजबूत कर रही है और लोगों को लड़ाई वाले इलाकों से निकलने के लिए प्रेरित कर रही है।”

उन्होंने बताया कि केरेम शालोम बॉर्डर क्रॉसिंग पर हजारों टेंट और राहत सामग्री मौजूद हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को वितरित करना है। पिछले कुछ हफ्तों में 24,000 से ज्यादा टेंट गाजा में भेजे गए हैं, ताकि लोगों को भोजन, दवाई और आश्रय मिल सके।

डेफ्रिन ने यह भी बताया कि हमास ने हाल ही में एक यूएन टीम पर गोली चलाई, यूएन की गाड़ियां चुराकर राहत मार्ग को रोकने की कोशिश की और यूनीसेफ के 4 राहत ट्रकों को लूट लिया, जिससे 2,700 बच्चों को फॉर्मूला मिल्क नहीं मिल पाया।

उन्होंने कहा, “हमास अपने ही लोगों का इस्तेमाल कर रहा है, उन्हें ढाल बनाकर इस जंग को लंबा करना चाहता है, लेकिन यह रणनीति सफल नहीं होगी।”

प्रवक्ता ने कहा, “हमारे 48 बंधक अब भी हमास की गिरफ्त में हैं। जब तक वे घर नहीं लौटते, यह युद्ध अधूरा है। हम दिन-रात प्रयास कर रहे हैं ताकि हमास को खत्म कर सकें और अपने नागरिकों को सुरक्षित कर सकें।”

–आईएएनेस

वीकेयू/डीकेपी


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