एसटी हसन ने मध्य प्रदेश सरकार पर धार्मिक विचारधारा थोपने का लगाया आरोप


मुरादाबाद, 21 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि को लेकर मध्य प्रदेश के मैहर जिला प्रशासन ने धार्मिक पवित्रता और श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करने के लिए मांस, मछली और अंडे की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एसटी हसन ने इस फैसले की कड़ी निंदा की।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर धार्मिक विचारधारा थोपने का आरोप लगाया। हसन ने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक है, जहां खाने-पीने, रहने और अपनी बात कहने की स्वतंत्रता है। मध्य प्रदेश सरकार को अपनी विचारधारा अन्य धर्मों के अनुयायियों पर नहीं थोपनी चाहिए। अब क्या सरकार यह तय करेगी कि क्या खाना है, क्या पहनना है और कब-कहां जाना है? यह लोकतंत्र का नाटक क्यों? सीधे हिंदू राष्ट्र घोषित कर दीजिए, ताकि अन्य धर्मों की कोई अहमियत न रहे और उनके अनुयायी द्वितीय श्रेणी के नागरिक बन जाएं।

हसन ने आगे कहा कि सरकार का असली मकसद वोटों का ध्रुवीकरण करना है। उन्होंने दावा किया कि देश के 80 प्रतिशत हिंदू भाई नॉन-वेज खाते हैं, नवरात्रि में भी खाते हैं। दक्षिण भारत में तो सभी नॉन-वेज खाते हैं। यह ड्रामेबाजी और धार्मिक ब्लैकमेलिंग क्यों? सरकार को इस तरह की नीतियों से बचना चाहिए।

गुजरात में गरबा पंडालों में मुस्लिमों की एंट्री बैन होने पर सपा नेता ने कहा कि ये एक धार्मिक आयोजन है। उन्होंने मुस्लिम युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि मुस्लिम नौजवान हिंदू लड़कियों को अपनी बहन समझें। वक्त बहुत खराब है, कभी कोई लव-जिहाद में फंस जाएगा, कभी किसी तरकीब से फंस जाएगा और जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। अपने आप को संभालें और ऐसे आयोजनों से बचें।

हसन ने आगे कहा कि अगर कोई अपनी पहचान छिपाकर जाता है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। एक मुसलमान को अपनी पहचान नहीं छिपानी चाहिए।

जीएसटी सुधार को लेकर पीएम मोदी के संबोधन पर एसटी हसन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि जीएसटी सुधार को लेकर उत्सव मनाएं, यह अच्छी बात है। मेरा सवाल है कि जीएसटी पहले क्यों लगाई? हमने उस वक्त भी विरोध किया था कि खाने-पीने की वस्तुओं, जैसे आटा, दाल, चावल पर जीएसटी क्यों लगाया? इससे गरीब आदमी के लिए बहुत मुश्किल हो गई। पिछले 10 साल में जनता का हाल बेहाल हो गया। अब आपने जीएसटी स्लैब में सुधार कर दिया। आपने ही टैक्स लगाया, आपने ही हटाया- इसमें नया क्या है?

हसन ने आगे कहा, “गरीब आदमी पहले भी खरीदारी करता था, अब भी करेगा। जीएसटी सुधारों से कितना असर होगा, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा।”

उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कदम केवल दिखावे का हो सकता है, और इसका वास्तविक प्रभाव जनता पर पड़ने में समय लगेगा।

–आईएएनएस

डीकेएम/डीकेपी


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