उत्तराखंड में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले कई दिनाें में कोविड-19 पॉजिटिवों की संख्या में उछाल दर्ज किया गया है। देहरादून जिले के बाद अब संक्रमण पांच जिलों में फैल गया है। ऐसे में प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण के दोबारा फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कोरोना पॉजिटिवों के बढ़ते केसों के बीच चिंता की बात है कि कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण ठप पड़ा है। 31 मार्च को कोवैक्सीन की डोज भी खत्म हो गई थी। जबकि कोविशील्ड जनवरी माह से नहीं है। सोमवार को प्रदेश में सर्वाधिक 26 मरीज कोरोना संक्रमित मरीज देहरादून में मिले हैं। दो मरीजों की दून और एम्स में मौत हो गई।
मंगलवार को नगर निगम, गांधी अस्पताल समेत अन्य केंद्रों पर कई लोग टीके लगवाने पहुंचे, लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ा। सीएमओ डा. संजय जैन ने बताया कि कोवेक्सीन की दो हजार डोज उनके पास थी, जो 31 मार्च को एक्सपायर हो रही थी। उन्हें इससे पहले लगवा दिया गया था।
अब ज्यादा डिमांड कोविशील्ड की है, मुख्यालय को नए सिरे से कोविड वैक्सीन की डिमांड भेजी गई है। वैक्सीन आते ही शिविर लगाए जाएंगे। कहा कि कोरोना संक्रमण को दोबारा फैलने से रोकने के लिए कारगर प्लान बनाकर कार्य किया जा रहा है।
78 फीसदी को नहीं लग पाई है अभी बूस्टर डोज
एडीआईओ यज्ञदेव थपलियाल के मुताबिक दून जिले में 18 वर्ष से ऊपर का 1462402 का लक्ष्य है। इनमें से 108.53 फीसदी को पहली, 94.65 फीसदी को दूसरी डोज लग चुकी है। वहीं 18 से 59 साल की उम्र के 1278944 लोगों को बूस्टर डोज लगाई जानी है। इनमें से 21.95 को डोज लगी है। वहीं 12 से 14 की उम्र के बच्चों को 72 फीसदी को और 15-17 के बीच के बच्चों को 81.47 फीसदी को दूसरी डोज लगी है। 60 साल से ऊपर वाले 217657 में से 53.68 फीसदी को ही अभी तक बूस्टर डोज लगी है।