चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा हनुमान भक्तों के लिए खास होती है। इस दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल हनुमान जन्मोत्सव 6 अप्रैल, गुरुवार को है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसे में इस साल हनुमान जन्मोत्सव पर भक्तों पर मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा होगी। मान्यता है कि इस दिन बजरंगबली की विधिवत पूजा-अर्चना करने से भक्त के हर संकट दूर होते हैं। बजरंगबली की कृपा से भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। लेकिन राम भक्त हनुमान जी की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। आप भी जान लें, हनुमान जी की पूजा के नियम-
1. चरणामृत का न करें प्रयोग- हनुमान जी की पूजा करने करते समय चरणामृत का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त को अशुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
2. स्त्रियों का स्पर्श- हनुमान जी बाल ब्रह्यचारी हैं। हनुमान जी की पूजा करते समय ब्रह्यचर्य व्रत का सख्ती से पालन करना चाहिए। इसलिए पूजा के दौरान महिलाओं को उनका स्पर्श नहीं करना चाहिए।
3. खंडित मूर्ति- हिंदू धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा की मनाही है। ऐसे में हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंगबली की पूजा में टूटी हुई या खंडित मूर्ति का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर घर में हनुमान जी की कोई फटी तस्वीर है तो उसे तुरंत हटा दें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक का जीवन संकटों से घर सकता है।
4. काले रंग के वस्त्र- काले या सफेद रंग के कपड़े पहनकर पवनपुत्र हनुमान की अराधना नहीं चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हनुमान जी की पूजा करते समय पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
5. दिन में ना सोएं- हनुमान जन्मोत्सव पर व्रत रखने वाले भक्तों को दिन में नहीं सोना चाहिए। इसके अलावा दान में मिली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
6. सूतक काल- हनुमान जी की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए। सूतक काल में हनुमान पूजन का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है।