नोएडा: ई-साइकिल योजना पांच साल में भी ‘जीरो’, 2 करोड़ खर्च कर बने 62 डॉक स्टेशन जमींदोज


नोएडा, 20 सितंबर (आईएएनएस)। नोएडा प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी ई-साइकिल योजना महज कागज़ों तक ही सीमित रह गई। वर्ष 2021 में इस योजना की शुरुआत शहर के लोकल ट्रांसपोर्टेशन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से की गई थी।

इसके तहत विभिन्न कामर्शियल, औद्योगिक, संस्थागत और आईटी सेक्टर की प्रमुख सड़कों पर कुल 62 डॉक स्टेशन बनाए गए। प्रत्येक स्टेशन को इस तरह डिजाइन किया गया था कि उसमें कम से कम 10 ई-साइकिल आराम से खड़ी की जा सके। परंतु पांच साल बीत जाने के बावजूद यह योजना पूरी तरह विफल साबित हुई और डॉक स्टेशन केवल जमीन घेरने का साधन बनकर रह गए।

जानकारी के मुताबिक, इन डॉक स्टेशनों के निर्माण पर लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इतना ही नहीं, ई-साइकिल चार्जिंग के लिए यूपीपीसीएल से बिजली कनेक्शन भी उपलब्ध कराया गया। लेकिन 2023 आते-आते यह योजना ठप हो गई और ई-साइकिलें सड़कों से गायब हो गईं।

विशेषज्ञों का मानना है कि नोएडा की जमीन अत्यंत कीमती है और यहां कियोस्क जैसी योजनाओं से प्राधिकरण को हर साल करोड़ों का राजस्व मिलता है। ऐसे में प्राइम लोकेशन पर बने 62 डॉक स्टेशन प्राधिकरण के लिए घाटे का सौदा साबित हुए। लगभग 550 वर्गमीटर जमीन पर बने ये स्टेशन अगर अन्य योजनाओं के लिए उपयोग होते तो न केवल राजस्व बढ़ता बल्कि स्थानीय लोगों को भी सुविधा मिलती।

योजना की शुरुआत में दावा किया गया था कि इसके चलते हर साल करीब 1125 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। लेकिन चूंकि साइकिलें एक महीने भी नहीं चल पाईं, यह लक्ष्य भी अधूरा रह गया। जानकार बताते हैं कि पांच साल तक एनटीसी विभाग ने केवल नोटिस जारी करने तक ही कार्रवाई सीमित रखी। कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू हुई, लेकिन हर बार कंपनी के निदेशक बदल दिए गए और मामला लंबित रह गया।

नियमों के अनुसार कंपनी को डॉक स्टेशनों पर 50 वर्गमीटर क्षेत्र में विज्ञापन करने की अनुमति थी, लेकिन उसने नियम तोड़ते हुए बाहर यूनिपोल लगाकर विज्ञापन करना शुरू कर दिया। इस पर भी कार्रवाई टलती रही। जाहिर है कि कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर फाइलों को दबाए रखा और उच्च अधिकारियों तक पूरा मामला पहुंचने नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी ई-साइकिल योजना जनता को लाभ नहीं दे सकी और नोएडा प्राधिकरण को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

–आईएएनएस

पीकेटी/डीएससी


Show More
Back to top button