भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से व्यवसायों को सकारात्मक संवाद में मदद मिलेगी : मार्क बिरेल

मुंबई, 18 सितंबर (आईएएनएस)। मुंबई स्थित ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिशन में साउथ एशिया के ट्रेड काउंसलर मार्क बिरेल ने गुरुवार को भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस बात से बेहद खुश हैं कि यह व्यापार समझौता दोनों देशों के व्यवसायों के बीच सकारात्मक संवाद को बढ़ावा दे रहा है।
सीआईआई के एक कार्यक्रम के साइडलाइन में न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए बिरेल ने कहा कि जैसे-जैसे हम ‘मुक्त व्यापार समझौते’ के कार्यान्वयन की ओर बढ़ रहे हैं, यह पहले से ही महसूस किया जा रहा है कि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और हम भविष्य में भी ऐसा ही होने की आशा करते हैं।
बिरेल ने जुलाई की शुरुआत में ब्रिटेन में व्यापार समझौते की घोषणा करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा, “यह वास्तव में एक मजबूत रिश्ता है और मुझे खुशी है कि दोनों देशों के लीडर जुलाई में मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बनाने में मदद के लिए ब्रिटेन में मौजूद थे।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए एक बहुत ही सकारात्मक संकेत था और उम्मीद है कि यह सकारात्मक संबंध भविष्य में भी जारी रहेंगे।”
अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के कदम के बारे में पूछे जाने पर बिरेल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बिरेल ने कहा, “मैं भारत-अमेरिका टैरिफ पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन मुझे खुशी है कि ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौता हो गया है और हम इस पर सहमत हुए हैं, जिसका दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता टैरिफ कम करता है, गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करता है, लेकिन यह ब्रिटेन और भारत के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों के बारे में व्यापक सकारात्मक संकेत भी देता है।
इसी कार्यक्रम के साइडलाइन में आईएएनएस के साथ एक अलग बातचीत में, सिंगापुर के महावाणिज्य दूतावास के महावाणिज्य दूत चेओंग मिंग फूंग ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है।
चेओंग ने कहा, “तेजी से आपस में जुड़ती दुनिया में वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। अपने विशाल घरेलू बाजार, हरित संसाधनों और डिजिटल क्षमता के साथ, भारत वैश्विक व्यापार और आर्थिक एकीकरण के भविष्य को दिशा देने की स्थिति में है।”
–आईएएनएस
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