कृषि अपशिष्ट का प्रयोग करने वाले जैव ऊर्जा उद्यमों को मिलेगी छूट

लखनऊ । कृषि अपशिष्ट का प्रयोग कर जैव ऊर्जा उद्यमों के लिए प्रदेश सरकार ने डेवलपमेंट चार्जेज से शत-प्रतिशत की छूट दी है। खेतों में अपशिष्ट जला दिये जाने के कारण बढ़ रहे पर्यावरणीय संकट के समाधान के लिए सरकार ने यह छूट प्रदान की है।
आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार इससे किसान अपशिष्ट जलाने से होने वाली हानि से बच सकेगा। इसके साथ ही उद्यम लगने से किसानों को आय भी होगा। प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा जारी की गयी अधिसूचना में कहा गया है कि जैव ऊर्जा इकाइयों को विकास शुल्क से शत-प्रतिशत की छूट प्रदान कर दी गयी है, लेकिन जैव ऊर्जा इकाई का संचालन आगामी पांच वर्षों तक किये जाने की बाध्यता होगी। जैव ऊर्जा इकाई को निर्धारित अवधि तक न चलाने तथा अधिसूचना की किसी शर्त का उल्लंघन किये जाने पर शुल्क में दी गयी छूट की समस्त धनराशि 15 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित वापस करनी होगी, अन्यथा उसकी वसूली भूराजस्व के बकाये की भांति की जाएगी।
इसके साथ ही कहा गया है कि नीति के अधीन प्रोत्साहन एवं रियायतें प्राप्त करने वाली जैव ऊर्जा इकाईयों द्वारा सभी अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं आवश्यक स्वीकृतियां स्वयं प्राप्त की जाएगी। अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की गाईडलाइंस का अनुपालन किया जाएगा। यह इकाई ऐसे जगह स्थापित की जाएगी, जहां पर बिजली, सड़क, पानी सीवर आदि विकास सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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