मखाना बोर्ड की स्थापना से किसान खुश, कहा- हमें बड़ा आर्थिक फायदा होगा


पूर्णिया, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से बिहार के पूर्णिया में ‘मखाना बोर्ड’ की स्थापना किए जाने के ऐलान के बाद मखाना की खेती करने वाले किसानों में खुशी का माहौल है।

किसानों ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मखाना बोर्ड की स्थापना के बाद उन्हें आर्थिक मोर्चे पर बड़ा आर्थिक लाभ पहुंचेगा। किसानों ने कहा कि हम प्रधानमंत्री का धन्यवाद करना चाहेंगे कि उन्होंने हमारे हितों के बारे में सोचा। प्रधानमंत्री की प्राथमिकता की सूची में हमेशा से ही किसान भाई शीर्ष पर रहे हैं।

महेंद्र मेहता ने कहा कि निश्चित तौर पर मखाना बोर्ड की स्थापना से हमें फायदा पहुंचेगा। बोर्ड की स्थापना के बाद मखाना की कीमत निर्धारित होगी और इसके बाद उसका बाजार में आगमन होगा। इससे हमें निश्चित तौर पर आर्थिक मोर्चे पर लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री किसानों के बारे में सोच रहे हैं। वो यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम जैसे किसानों को कोई दिक्कत नहीं हो। हमें खेती करने में ज्यादा लागत आती है। लेकिन, हमें पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से हमें आगामी दिनों में बड़ी मदद मिलेगी।

20 साल से मखाना की खेती में सक्रिय कैलाश ऋषि ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से मखाना बोर्ड की स्थापना पर खुशी जाहिर की और कहा कि हमें इससे आर्थिक मोर्चे पर फायदा मिलेगा। हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री ने हम जैसे किसानों के बारे में सोचा। हम लोग खेती में जुटे हैं। अब हमें बहुत उम्मीद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने हमसे वादा किया है, तो निश्चित तौर पर पूरा करेंगे। हमारे पास आय का मुख्य स्रोत केवल मखाना की खेती है। जब मखाना बोर्ड की स्थापना होगी, तो हमारी आमदनी बढ़ेगी। पहले हमें मखाना की खेती में बहुत कम आमदनी होती थी।

किसान रमेश शर्मा ने कहा कि अगर एक बार मखाना बोर्ड की स्थापना हो जाएगी, तो हमें निश्चित तौर पर अधिक आमदनी मिलेगी। अभी हमें अपेक्षित फायदा नहीं मिल पा रहा है। मखाना की खेती करने की प्रक्रिया लंबी होती है। कई बार हमें उचित फायदा नहीं मिल पाता है। लेकिन, हमें इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री ने हमारे बारे में सोचा है। वैसे तो रोजाना हम 1,500 से 2,000 रुपए कमा लेते हैं। लेकिन, मखाना बोर्ड की स्थापना के बाद कमाई में इजाफा होगा।

किसान चट्ठू ऋषि ने कहा कि मैं 25 सालों से मखाना की खेती कर रहा हूं। प्रधानमंत्री ने मखाना बोर्ड की स्थापना का ऐलान किया है। हमें आने वाले दिनों में इससे फायदा मिलेगा। इस बोर्ड की स्थापना के बाद मखाना की आपूर्ति बड़े स्तर पर होगी। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी आपूर्ति होगी। पूरे मिथिला में मखाना की खेती होती है।

मनीष कुमार ने कहा कि मैं 2015 से मखाना की खेती से जुड़ा हूं। वैसे तो मेरा परिवार इस खेती से लंबे समय से जुड़ा हूं। लेकिन, 2015 में बिहार आने के बाद मैं भी इसके प्रति समर्पित हो गया। मैंने पहले इसकी खेती की। इसके बाद हमने इसकी ब्रॉन्डिंग करने की प्रक्रिया शुरू की। हमारे पास अभी 22 किसानों का समूह है। हम 44 एकड़ में खेती कर रहे हैं। हमने ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत की थी। मखाना की बुवाई मार्च में होती है। मार्च के बाद जुलाई से कटाई शुरू हो जाती है। फसल जब तैयार हो जाती है, तो उसे पोपिंग के लिए भेज दिया जाता है।

–आईएएनएस

एसएचके/एबीएम


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