इमरान खान पर पाकिस्तान के पीएम पद का चुनाव लड़ने पर रोक का खतरा मंडरा रहा है। गिरफ्तारी और दोषसिद्ध होने से बचने के लिए इमरान ने खुद पर लगे 121 मामलों को रद्द करने के लिए लाहौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर आज सुनवाई होनी है। इमरान और उनकी पार्टी पीटीआई द्वारा दायर याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति अली बकर नजफी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ करेगी।
याचिका में इमरान खान और पीटीआई दोनों याचिकाकर्ता हैं। याचिका के अनुसार, सरकार आगामी चुनावों में पीटीआई नेता को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कानूनी व्यवस्था का “दुरुपयोग” कर रही है। पीटीआई के अध्यक्ष ने दावा किया है कि उनके खिलाफ कई मौकों पर 100 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इस्लामाबाद में उनके खिलाफ लाए गए पांच मामलों में सुरक्षात्मक जमानत का अनुरोध करते हुए, उन्होंने 24 मार्च को लाहौर हाई कोर्ट को सूचित किया है।
डॉन के मुताबिक, याचिका के अनुसार, खान को “किसी भी तरह से राजनीतिक क्षेत्र से हटाने की साजिश रची जा रही है। “झूठे आरोपों” के दम पर शहबाज सरकार उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर रही है, ताकि चुनाव के लिए उनको अयोग्य ठहराया जाए और गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।
याचिका में कहा गया है कि इमरान खान के खिलाफ लाए गए आपराधिक आरोपों को “उन्हें चुप कराने, उनके समर्थन को दबाने और उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने के लिए किया गया है। यह दावा किया गया है कि “इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य मशीनरी पीटीआई के सार्वजनिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को पूरी तरह से रोक रही है।
याचिका में यह भी दावा किया गया कि इमरान खान, पीटीआई और पार्टी के समर्थकों को चुनाव लड़ने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के अवसर से वंचित किया जा रहा है और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित किया जा रहा है।
कानूनी ऐक्शन पर लगे रोक
याचिका में इमरान ने अदालत से आग्रह किया है उनके खिलाफ दायर कई एफआईआर और आपराधिक मामलों का विवरण देने वाली एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया जाए और यह आदेश दिया जाए कि याचिका पर निर्णय लिए जाने तक उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाया जाए।