रायबरेली। जिले से होकर निकले रायबरेली-प्रयागराज हाईवे में करीब साढ़े आठ किलोमीटर सेक्शन को फोरलेन किया जाएगा। इस पर करीब 73 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एनएचएआई की ओर से इस दायरे में आने वाले मकानों व दुकानों को तोड़ने का काम शुरू करा दिया गया है।
रायबरेली-प्रयागराज हाईवे को टू लेन से फोर लेन किया जाना है। पहले चरण में 63 किलोमीटर सड़क और चार बाईपास (जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार और प्रतापगढ़ के आलापुर) में निर्माण चल रहा है। सड़क और बाईपास बनवाने में 1100 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। इस साढ़े आठ किलोमीटर का निर्माण प्रतापगढ़ जिले के नवाबगंज से मलाकहरहर तक कराया जाएगा। इसके बीच में कोरिहार, आदमपुर, कौड़ीहार, मारुडीह, टिकरी, हथिगवां, दुबरा, कसारी, जगदीशपुर गांव आ रहे हैं। यहां पर सड़क किनारे तक अतिक्रमण है। जिसे एनएचएआई प्रशासन की मदद से अतिक्रमण हटवा रहा है।
सभी जगह बाईपास का निर्माण चल रहा है। 63 किलोमीटर के आगे करीब साढ़े आठ किलोमीटर का सेक्शन शेष बचा था। इसे भी योजना में शामिल कर लिया गया है। अतिक्रमण होने से अभी तक यहां पर सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू नहीं हो पाया है। यहां भी फोरलेन हो जाने से हाईवे पर सफर करने वाले करीब पांच लाख से ज्यादा लोगों को सहूलियत मिलेगी।
रायबरेली-प्रयागराज हाईवे पर ऊंचाहार कस्बे में बाईपास का निर्माण सुस्त गति से चल रहा है। बाईपास के दायरे में करीब 30 मकान आ रहे हैं। जिन्हें तोड़ा जाना है। एनएचएआई की ओर से इन दुकानों और मकानों को खाली करने के लिए चार अप्रैल तक का समय दिया है। इसके बाद बुलडोजर गरजेगा।