सुशीला कार्की को पदभार ग्रहण की बधाई, नेपाल में राजनीतिक स्थिरता जरूरी : संजय निरुपम


मुंबई, 13 सितंबर (आईएएनएस)। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने नेपाल में हाल के सत्ता परिवर्तन और हिंसक आंदोलनों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेपाल में खूनी हिंसा के बाद सत्ता पलट हुई, जिसमें संसद और कई सरकारी संस्थानों को आग के हवाले कर दिया गया। कई बड़े होटल भी राख में बदल गए। इस अराजक स्थिति के बाद आंदोलनकारियों ने प्रस्ताव रखा कि देश की बागडोर पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की को सौंपी जाए। कार्की ने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया है।

संजय निरुपम ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे युवाओं की अपेक्षाओं पर खरी उतरें और नेपाल के आर्थिक संकट को दूर कर राजनीतिक स्थिरता स्थापित करें।

संजय निरुपम ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर शिवसेना का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता और आतंकियों को पनाह देना नहीं रोकता, तब तक भारत को पाकिस्तान के साथ न तो सांस्कृतिक और न ही खेल संबंध रखने चाहिए।

उन्होंने विशेष रूप से क्रिकेट पर जोर देते हुए कहा कि बीसीसीआई भले ही तकनीकी कारणों से टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की बात करे, लेकिन भारत के नागरिकों की भावनाएं स्पष्ट हैं कि पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार का संबंध, चाहे वह खेल हो या संस्कृति, पूरी तरह बंद होना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर-पूर्व दौरे पर टिप्पणी करते हुए संजय निरुपम ने इसे ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में लंबे समय से चली आ रही जातीय हिंसा को प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री के प्रयासों से शांत किया गया। आज वहां शांति का माहौल है, और जनता ने प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वर्षों तक इस हिंसा की राजनीति की, लेकिन जनता ने उसे नकार दिया।

संजय निरुपम ने मिजोरम में विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि 78 वर्षों में पहली बार राजधानी आइजॉल को दिल्ली से रेलवे लाइन से जोड़ा जा रहा है। यह मोदी सरकार के विकास कार्यों का ठोस प्रमाण है। उत्तर पूर्व में शांति और विकास के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता अभूतपूर्व है। मणिपुर और मिजोरम में हो रहे बदलाव इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। पीएम मोदी का यह दौरा न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगा, बल्कि देश की एकता और अखंडता को भी मजबूत करेगा।

–आईएएनएस

एकेएस/जीकेटी


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