नोएडा प्राधिकरण: स्टाफ के 406 जर्जर आवास तोड़े जाएंगे, खाली कराने के नोटिस जारी


नोएडा, 12 सितंबर (आईएएनएस)। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बने पुराने आवासों को तोड़ने का फैसला किया गया है। 35-40 साल पहले बने ये स्टाफ भवन अब जर्जर हो चुके हैं। आईआईटी रुड़की के सर्वे में इमारतों को खतरनाक बताया गया है और भूकंप आने पर गिरने की आशंका जताई गई है।

प्राधिकरण ने सभी जर्जर आवास खाली कराने के लिए नोटिस जारी किए हैं।

सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण के मुख्य प्रशासनिक भवन से जारी नोटिस के मुताबिक सेक्टर-25, सेक्टर-27 और सेक्टर-37 में बने स्टाफ भवनों की हालत खराब है। इन बहुमंजिला भवनों के छत पर पैरापेट वॉल, छज्जे आदि क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

कई जगह टूटे हिस्से गिरने की घटनाएं भी हुई हैं। वर्क सर्किल-02 की रिपोर्ट पर आईआईटी रुड़की ने जांच की, जिसमें पाया गया कि ये इमारतें भूकंप या अन्य आपदा में ढह सकती हैं। वर्तमान में इनमें रहना या भार बढ़ाना असुरक्षित है। नोटिस में कहा गया है कि आवंटित भवन तुरंत खाली करें, वरना कोई दुर्घटना होने पर जिम्मेदारी खुद की होगी।

सेक्टर-27 में 178, सेक्टर-25 में 100 और सेक्टर-37 में 128 स्टाफ आवास प्रभावित हैं। कुल 406 जर्जर आवास खाली कराए जाएंगे। इसके अलावा, सेक्टर-19 और 20 में प्राधिकरण के दफ्तर भी खाली कराए जा रहे हैं। इन कार्यालयों को अन्य जगह शिफ्ट किया जाएगा। जीएम एसपी सिंह ने बताया कि सर्वे के बाद नोटिस जारी हो रहे हैं। खाली करने के बाद इन भवनों को ध्वस्त कर नए निर्माण की योजना है।

प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम के निर्देश पर यह कार्रवाई हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि नोएडा में मकानों का किराया महंगा होने से कर्मचारी चिंतित हैं, लेकिन सुरक्षा पहली प्राथमिकता है।

प्राधिकरण कर्मचारियों के वैकल्पिक आवास की व्यवस्था पर विचार कर रहा है। सहायक महाप्रबंधक (स्टाफ भवन) को नोटिस की प्रतियां चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ प्रबंधक वर्क सर्किल-02 को भी सूचित किया गया है।

–आईएएनएस

एसएचके/वीसी


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