ट्रंप ने उच्च टैरिफ को लेकर भारत-अमेरिका संबंधों को 'एकतरफा' बताया


वाशिंगटन, 3 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की व्यापार प्रथाओं के खिलाफ अपनी शिकायतों को दोहराया और भारत-अमेरिका संबंधों को ‘कई वर्षों से एकतरफा’ बताया। इसके साथ ही उच्च टैरिफ को अमेरिकी निर्यात में बाधा बताया।

ट्रंप ने कहा, “भारत के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं। लेकिन, भारत, आपको समझना होगा, कई सालों तक यह एकतरफा रिश्ता रहा।”

उन्होंने एक बार फिर अपने इस आरोप पर जोर दिया कि अमेरिकी निर्यात पर भारत के टैरिफ ‘दुनिया में सबसे ज्यादा’ हैं।

उन्होंने आगे कहा, “भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूल रहा था, दुनिया में सबसे ज्यादा। वे दुनिया में सबसे ज्यादा थे, नंबर एक। इसलिए हम भारत के साथ ज्यादा व्यापार नहीं कर रहे थे। लेकिन, वे हमारे साथ व्यापार कर रहे थे क्योंकि हम उनसे ‘बेवकूफी’ से टैरिफ नहीं वसूल रहे थे।”

ट्रंप ने तर्क दिया कि जब भारत अमेरिकी बाजार में सामान भेज रहा था, तब पिछली सरकारें कार्रवाई करने में विफल रही थीं। ट्रंप ने कहा, “वे भारी मात्रा में, आप जानते हैं, जो कुछ भी वे बनाते थे, उसे हमारे देश में भेजते थे। इसलिए, वह यहां नहीं बनता था। लेकिन, हम कुछ भी नहीं भेजते थे, क्योंकि वे हम पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा रहे थे।”

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ नहीं हैं। हालांकि, यह अपने किसानों की सुरक्षा के लिए कृषि जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में उच्च शुल्क लगाता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति एक बार फिर अपने पहले कार्यकाल के अक्सर उद्धृत उदाहरण पर लौट आए, हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों पर भारत में लगाए गए भारी टैरिफ।

ट्रंप ने कहा, “हार्ले-डेविडसन भारत में अपनी मोटरसाइकिल नहीं बेच सकती थी। मोटरसाइकिल पर 200 प्रतिशत टैरिफ था। तो, क्या हुआ? हार्ले-डेविडसन भारत गई और एक मोटरसाइकिल प्लांट बनाया, और अब उन्हें टैरिफ नहीं देना पड़ता।”

हार्ले-डेविडसन ने हरियाणा में एक असेंबली प्लांट बनाया था, लेकिन बिक्री में कमी के कारण 2020 में इसे बंद कर दिया। भारत सरकार ने फरवरी में विदेशी मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत से घटाकर 30-40 प्रतिशत कर दिया था।

भारत और अमेरिका के बीच महीनों तक व्यापार वार्ता चली, जिसके बाद अगस्त में ट्रंप प्रशासन ने अचानक भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया। बाद में, रूसी तेल की खरीद के कारण टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया।

–आईएएनएस

एबीएम/


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