लखनऊ। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर अंग्रेजी और आधुनिक यूरोपीय भाषा विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय ने दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। जिसके बाद पीएचडी शोधार्थी द्वारा चार नाटकों का मंचन हुआ। प्रो. राज बिसारिया ने आयोजन के लिए अपना आशीर्वाद दिया। पहली बार, विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा लघु नाटकों की पटकथा लिखकर,उनका प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रो. डॉ. मीनाक्षी पाह्वा ने किया, जिन्होंने बिना थके छात्रों का मार्गदर्शन किया। नाटक समलैंगिकता, नशे की लत, विद्यार्थियों पर पड़ रहे पारिवारिक दबाव और दलित उत्पीड़न जैसे प्रमुख विषयों से संबंधित थे। इस कार्यक्रम में अधिष्ठाता, कला संकाय, प्रो. अरविंद अवस्थी ,अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, प्रो. पूनम टंडन एवं प्रो. एम. प्रियदर्शिनी, विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग शामिल रहे।
विधिक साक्षरता एवं सहायता शिविर का ग्राम रसूलपुर कायस्थ में हुआ आयोजन
वहीं दूसरी ओर लखनऊ विश्वविद्यालय विधि संकाय की प्रतिष्ठित संस्था विधिक सहायता केंद्र व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान के तहत बीकेटी तहसील के रसूलपुर कायस्थ ग्राम में विधिक सहायता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन विधिक सहायता केंद्र के संयोजक मनीष तिवारी ने किया। जिसमें कई सरकारी अधिकारी द्वारा लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जागरूक किया। शिक्षा विभाग के अधिकारी अनुराग सिंह राठौर द्वारा निपुण भारत योजना के अंतर्गत चलाए गए योजनाओं के बारे में जानकारी दी। अभिभावकों को अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के विषय में एवं नई शिक्षा नीति के बारे में जागरूक किया। शिविर में आगे बढ़ते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी से आए डॉ शब्बीर अली ने ग्रामीणों धूम्रपान के नुकसान, बाल पुष्टाहार विभाग की अधिकारी अमिता त्रिपाठी द्वारा विभाग से जुड़ी योजनाओं के बारे में बताया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डा बंशीधर सिंह ने अपने संबोधन में सुलह समझौता के जरिए विवादों के निपटारे को कहा गया। प्रोफेसर अभिषेक तिवारी ने लोक अदालत के माध्यम से कैसे समय और धन की बचत हो सकता है इसके बारे में जानकारी दिया। विधिक सहायता केंद्र द्वारा दी जाने वाले योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया। विधिक सेवा केंद्र के सदस्यों द्वारा योजना एवं मुकदमों के बारे में सर्वे किया गया।