योगी सरकार का उच्च शिक्षा में बड़ा कदम, तीन विश्वविद्यालयों में 948 नए पदों को मंजूरी


लखनऊ, 2 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के तीन नवगठित विश्वविद्यालयों, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय (मुरादाबाद), मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय (मिर्जापुर) और मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय (बलरामपुर), में कुल 948 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। इसमें 468 अस्थायी शिक्षणेतर पद और 480 आउटसोर्सिंग पद शामिल हैं।

सरकार का मानना है कि इन पदों के सृजन से विश्वविद्यालयों की प्रशासनिक और कार्यात्मक व्यवस्था अधिक सुदृढ़ होगी। इसके साथ ही शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि होगी और प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। यह निर्णय विश्वविद्यालयों को मजबूत बनाने के साथ-साथ प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार स्पष्ट किया है कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापरक शिक्षा और रोजगार दोनों उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। विश्वविद्यालयों में नए पदों का सृजन इसी दिशा में एक ठोस कदम है, जो उच्च शिक्षा को सशक्त और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

प्रत्येक विश्वविद्यालय में 156 अस्थायी शिक्षणेतर पद सृजित किए गए हैं, जो 28 फरवरी 2026 तक प्रभावी रहेंगे और आवश्यकतानुसार समाप्त भी किए जा सकते हैं।

इन पदों में फार्मासिस्ट, इलेक्ट्रिशियन, अवर अभियंता, आशुलिपिक, सहायक लेखाकार, कनिष्ठ सहायक, लैब टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट, उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, वैयक्तिक सहायक, लेखाकार, प्रधान सहायक, चिकित्साधिकारी और स्टाफ नर्स जैसे पद शामिल हैं। इन पदों की भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सीधी भर्ती, पदोन्नति और प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया से की जाएगी।

इसके अलावा, प्रत्येक विश्वविद्यालय में 160 पद वाह्य सेवा प्रदाता (आउटसोर्सिंग) के माध्यम से पूरे किए जाएंगे, जिससे कुल 480 पद बनते हैं। इनमें कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वच्छकार, चौकीदार, माली, चपरासी, वाहन चालक और पुस्तकालय परिचर जैसे पद शामिल हैं।

आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया जेम पोर्टल के माध्यम से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी। साथ ही, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, श्रम विभाग और कार्मिक विभाग द्वारा जारी शासनादेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी नियुक्तियों में आरक्षण से जुड़े नियमों और प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य होगा।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम


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