जल संरक्षण के लिए भारत में दूसरे देशों की नई और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी लाई जा रही हैं : शिवानी घोडावत


नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। जल और अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में मार्केटिंग सॉल्यूशन प्रोवाइडर ‘अर्थ वॉटर फाउंडेशन’ की फाउंडिंग मेंबर शिवानी घोडावत ने गुरुवार को कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पानी के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए भारत में दूसरे देशों की नई और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी को लाया जा रहा है।

’20वें एवरीथिंगअबाउटवाटर एक्सपो 2025′ आयोजन के साइडलाइन में मीडिया से बात करते हुए शिवानी ने कहा, “यह एक वार्षिक प्रदर्शनी है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य जल उद्योग, निर्णयकर्ताओं और हितधारकों को एक मंच पर एक साथ लाना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वॉटर एंड वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबिलिटी और पानी से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा कर इनका समाधान खोजना है।”

यह एक तीन दिवसीय वैश्विक कार्यक्रम है, जिसमें इजराइल, ईरान, इटली और स्पेन जैसे देशों की भागीदारी रहेगी।

उन्होंने एयर से पानी बनाने वाली इजरायली कंपनी एच2ओएलएल कंपनी का जिक्र किया और कहा कि यह कंपनी नमी और हवा से पानी बनाती है। इसी तरह की टेक्नोलॉजी को भारत में लाया जा रहा है।

कार्यक्रम में पहुंचे इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा, “जल के महत्व को कम कर नहीं आंका जा सकता। जल ही जीवन है और भारत में जल की खपत बढ़ती ही जाएगी।”

उन्होंने एक इजराइली मामले का परिचय देते हुए बताया कि हमारा देश पानी की कमी से जूझ रहा है और जल क्षेत्र में सहयोग दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

उन्होंने कहा कि आज हम भारत के साथ मिलकर नई तकनीक पर काम भी कर रहे हैं और हम यह कहना चाहते हैं कि हम इसमें काफी सफल भी हुए हैं।

रूवेन अजार ने पानी की कमी और बढ़ती जनसंख्या को लेकर अपने देश के बारे में कहा, “उत्तर में हमारे यहां प्रति वर्ष 1,000 मिमी तक वर्षा होती है, लेकिन यह अस्थायी होती है, साल के लगभग छह महीने, बिल्कुल भी बारिश नहीं होती। देश की जनसंख्या की बात करें तो यह तेजी से बढ़ रही है। जब देश की शुरुआत हुई थी, तब हमारी जनसंख्या लगभग दस लाख थी और 2050 में यह बढ़कर 1.7 करोड़ हो जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा कि इस एक्सपो में हमारे देश की कई कंपनियां भाग ले रही है और मुझे उम्मीद है कि भारत और इजरायल के रिश्ते इससे और बेहतर होंगे।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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