पाकिस्तान की बदहाली किसी से छिपी नहीं है लेकिन उसकी हेंकड़ी अभी बीच-बीच में सामने आती रही है। पाकिस्तान के बिगड़े आर्थिक हालात को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हर रोज नया रोना रोते नजर आ रहे हैं। अर्थव्यवस्था के बिगड़े हालात के लिए शहबाज शरीफ ने राजनीतिक अराजकता का माहौल बताते हुए घड़ियाली आंसू बहाए। शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान दिवस पर देश के नाम संदेश देते हुए गिनाया है कि आखिर उनकी अर्थव्यवस्था गर्त में क्यों जा रही है?
पाकिस्तान दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में शाहबाज शरीफ ने कहा कि 23 मार्च उनके राष्ट्रीय इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है जो उन्हें अतीत की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि आज की दिन मौजूदा स्थिति पर सोचते हुए भविष्य की तरफ देखना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान राजनीतिक और संवैधानिक संघर्ष के परिणामस्वरूप आर्थिक खतरे की स्थिति घर कर रही है। पाकिस्तानी पीएम ने अपने देश की शेखी बघारते हुए कहा कि पाकिस्तान की नियति महान उपलब्धियों और ऊंचाइयों को हासिल करना है।
‘पाकिस्तान’ अलग मुल्क के लिए प्रस्ताव हुआ था पारित
बता दें 23 मार्च 1940 को उपमहाद्वीप के मुसलमानों ने अलग वतन की स्थापना का प्रस्ताव पारित किया गया था। हिंदुस्तान से अलग पाकिस्तान की स्थापना के लिए मुस्लिम लीग के नेताओं ने झंडा बुलंद किया था।
पाकिस्तान दिवस राष्ट्रपति ने उगला जहर
राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान दिवस पर भारत के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने पाकिस्तान के नाम अपने संदेश में कहा कि ‘भारत के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर’ में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, मानवाधिकारों के उल्लंघन और क्रूरता का सबूत सामने आया और मुस्लिम नेताओं ने उस वक्त विवेकपूर्ण निर्णय लिया था।