सुप्रीम कोर्ट का एसआईआर को पूर्ण समर्थन, चुनाव आयोग को मिली मजबूती: अधिवक्ता सिद्धांत कुमार

नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट सिद्धांत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को पूर्ण समर्थन दिया है, जिससे चुनाव आयोग को और मजबूती मिली है। यह आदेश लोकतंत्र को सशक्त बनाने और समावेशी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एडवोकेट सिद्धांत कुमार ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का कोई भी आदेश हमारे लिए सर्वोपरि है। लोकतंत्र में सभी संस्थाओं की अपनी-अपनी भूमिका होती है, और सुप्रीम कोर्ट व चुनाव आयोग दोनों इसका अभिन्न हिस्सा हैं। हम इस व्यवस्था का सम्मान करते हैं, क्योंकि यह कानून के शासन और समावेशी लोकतंत्र को सुनिश्चित करता है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश न सिर्फ चुनाव आयोग को सशक्त करता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाता है।”
एसआईआर प्रक्रिया के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है और हम मानते हैं कि एक बार सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी कर दे तो चुनाव आयोग को उसका पालन करना ही होगा। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग एसआईआर प्रक्रिया जारी रखेगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों द्वारा एसआईआर प्रक्रिया के समय और प्रबंधन पर सवाल उठाए जाने के जवाब में सिद्धांत कुमार ने कहा, “यह प्रक्रिया 24 जून को शुरू हुई थी और 24 अगस्त तक 98 प्रतिशत से अधिक पात्र लाभार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन पूरा हो चुका था। उनका डेटा भी अपलोड किया जा चुका था। यह दर्शाता है कि आवंटित समय पर्याप्त था।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रक्रिया शुरू होने के समय बाढ़ जैसी कोई समस्या नहीं थी, जो बाद में कुछ क्षेत्रों में सामने आई।
विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब देते हुए सिद्धांत कुमार ने कहा, “चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। तथ्य स्वयं बोलते हैं। 60 दिनों की अवधि में 98 प्रतिशत से अधिक आबादी के दस्तावेजों का सत्यापन और कवरेज पूरा हुआ, जो इस प्रक्रिया की सफलता को दर्शाता है।”
–आईएएनएस
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