‘कानून सभी के लिए बराबर’, तेजस्वी यादव पर हुई एफआईआर पर बोले आरएलडी नेता मलूक नागर

नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ महाराष्ट्र में भाजपा विधायक की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। तेजस्वी पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमर्यादित और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इस पर आरएलडी नेता मलूक नागर ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के खिलाफ ऐसी भाषा का उपयोग न केवल अनुचित है, बल्कि यह देश की साख को विश्व स्तर पर प्रभावित करता है।
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वह तेजस्वी यादव ही क्यों न हों। संविधान और कानून के अनुसार, ऐसी हरकतों के लिए एफआईआर और जेल जैसी कार्रवाई हो सकती है।
नागर ने तेजस्वी को सलाह दी कि उन्हें तथ्यों के साथ अपनी बात रखनी चाहिए, कानून का पालन करना चाहिए, और यदि आवश्यक हो तो कोर्ट का रुख करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी भाषा से देश की संस्कृति को ठेस पहुंचती है, और भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए, वरना कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
मलूक नागर ने समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित विधायक पूजा पाल के उस बयान पर इंडी अलायंस पर कड़ा प्रहार किया है, जिसमें उन्होंने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए अखिलेश यादव को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
नागर ने इस मामले को सपा की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि सपा का पीडीए नारा केवल दिखावा है। पूजा पाल के मामले में उनके आरोपों की जांच होनी चाहिए और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
नागर ने सपा और इंडी अलायंस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सपा और इंडी अलायंस को सचमुच पिछड़ों और दलितों से प्यार होता, तो वे उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार के सामने अपना उम्मीदवार नहीं उतारते। आज इनका पर्दाफाश हो गया है और यह साफ है कि इंडी अलायंस पिछड़े और दलित वर्गों का हमदर्द नहीं है। इसके विपरीत, उन्होंने एनडीए को इन वर्गों का सच्चा समर्थक बताया है।
सपा नेता अमीक जमई ने पूजा पाल के हत्या की आशंका वाले बयान पर कहा कि उनकी विचारधारा संघ से मेल खाती है। उन्होंने दावा किया कि सपा दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों का सम्मान करती है। अगर उन्हें वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा चाहिए, तो उन्हें इसके लिए पत्र लिखना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि सपा का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूला तो दुश्मनों का भी साथ देता है। उन्होंने पूजा पाल से सपा पर आरोप लगाना बंद करने को कहा है।
उन्होंने तेजस्वी यादव पर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में हुई एफआईआर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में विपक्ष को सरकार या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने की आजादी नहीं है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और भविष्य में राहुल गांधी जैसे अन्य विपक्षी नेताओं पर भी ऐसी कार्रवाई हो सकती है। सरकार को ऐसा कानून लाना चाहिए जिसके तहत विपक्षी नेता पीएम मोदी के बारे में कुछ भी बोल न पाएं।
–आईएएनएस
डीकेएम/एएस