वाराणसी। विश्व जल दिवस पर गंगा को प्रदूषण मुक्ति के बुधवार सुबह नौ बजे मानव श्रृंखला बनाई। इस मौके पर मौजूद लोगों ने गंगा स्वक्षता की शपथ ली। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्र ने कहा कि यह मानव श्रृंखला आंदोलन 2000 में शुरू हुआ यह आंदोलन गंगा स्वक्षता तक चलेगी। कहा गंगा पापों को हरने वाली हैं। गंगा की सेहत को ठीक रखने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। प्रकृति हम स्वक्ष जल देती है हैं लेकिन अनियोजित विकास इसे गंदा कर रही है। कहा की आज भी मलजल (अन ट्रीटेड वाटर) सीधे गंगा में गिराया जा रहा है। हमारा आंदोलन गंगा में एक भी बूंद मलजल गिरने से रोकने तक चलेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते डॉक्टर जितेंद्र नाथ मिश्र ने कहा कि जल के बिना जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हाहेराम त्रिपाठी ने कहा कि तुलसी दास कृत रामचरित मानस में जल के महत्व को रेखांकित किया है। जल का संरक्षण जरूरी है।