नीति आयोग ने होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए सुधारों का प्रस्ताव रखा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे


मुंबई, 22 अगस्त (आईएएनएस)। नीति आयोग ने शुक्रवार को भारत के होमस्टे क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई सुधारों का प्रस्ताव रखा और कहा कि यह रोजगार और क्षेत्रीय विकास का एक प्रमुख वाहक बन सकता है क्योंकि देश आर्थिक विस्तार के लिए पर्यटन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

पॉलिसी थिंक टैंक ने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के साथ मिलकर तैयार की एक नई रिपोर्ट “रीथिंकिंग होमस्टे : नेवीगेटिंग पॉलिसी पाथवेज” में राज्यों को होमस्टे के लिए एक मजबूत और समावेशी इकोसिस्टम बनाने में मदद करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, सरल पंजीकरण और नवीनीकरण प्रक्रिया और संचालन के डिजिटलीकरण का सुझाव दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के बाद घरेलू पर्यटन में तेजी आई है, और ज्यादा यात्री इमर्सिव और समुदाय-आधारित अनुभवों की तलाश कर रहे हैं।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि होमस्टे भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करने और पर्यटन के आर्थिक लाभों को स्थानीय समुदायों तक पहुंचाने का एक अनूठा तरीका प्रदान करते हैं।

हालांकि, यह क्षेत्र वर्तमान में जटिल नियमों, राज्यों में असंगत नीतियों और प्रोत्साहनों तक सीमित पहुंच के कारण पिछड़ा हुआ है।

नीति आयोग के अनुसार, भारत में होमस्टे बाजार का मूल्य 2024 में 4,722 करोड़ रुपए था और 2031 तक इसके सालाना 11 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।

पर्यटन क्षेत्र में यह क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार बढ़ाने वाले क्षेत्रों में से एक है, जो न केवल मेजबानों के लिए, बल्कि खाद्य, हस्तशिल्प और परिवहन जैसे स्थानीय व्यवसायों के लिए भी अवसर पैदा करता है।

रिपोर्ट की सिफारिशों में होमस्टे पंजीकरण और अनुपालन के लिए सिंगल-विंडो डिजिटल प्लेटफॉर्म स्थापित करना, कागजी कार्रवाई को कम करने के लिए सेल्फ- डिक्लेरेशन की अनुमति देना और अधिक छोटे संचालकों को प्रोत्साहित करने के लिए आनुपातिक पंजीकरण शुल्क की पेशकश करना शामिल है।

नीति आयोग ने पानी और बिजली जैसी सुविधाओं के लिए होमस्टे को आवासीय इकाइयों के रूप में माना जाने का भी सुझाव दिया है, ताकि संचालकों को वाणिज्यिक दरों का भुगतान करने के लिए मजबूर न किया जाए।

रिपोर्ट में गोवा, केरल और उत्तराखंड जैसे राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया है, जिन्होंने पहले ही लक्षित प्रोत्साहन और सरल ढांचे लागू किए हैं।

साथ ही सुझाव दिया गया है कि इन सीखों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए ताकि होमस्टे भारत की पर्यटन अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बन सकें।

-आईएएनएस

एबीएस/


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