ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पारित होने के बाद फैंटेसी ऐप्स ने पैसे वाले खेलों पर लगाई रोक


नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस) । ड्रीम स्पोर्ट्स, गेम्सक्राफ्ट, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) और जूपी जैसी भारत की प्रमुख रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) कंपनियों ने सरकार द्वारा ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ पारित किए जाने के बाद, अपने प्लेटफॉर्म पर रियल मनी वाले खेलों पर रोक लगा दी है।

इस बिल ने उन सभी ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जहां प्लेयर्स वित्तीय लाभ की उम्मीद में पैसा लगाते हैं।

इसके अलावा, इसने अधिकारियों को किसी भी परिसर की तलाशी लेने और उल्लंघन के संदेह में किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार दिया है।

ड्रीम स्पोर्ट्स ने अपने नए फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप ड्रीम पिक्स और अपने कैजुअल आरएमजी ऐप ड्रीम प्ले पर सभी ‘पे टू प्ले’ कॉन्टेस्ट पर रोक लगा दी है। फैंटेसी स्पोर्ट्स की इस दिग्गज कंपनी ने हाल के महीनों में दोनों ऐप लॉन्च किए हैं।

ऐप पर जारी एक नोटिस के अनुसार, “प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025″ से संबंधित हालिया घटनाक्रम को देखते हुए, हम अपने प्लेटफॉर्म पर सभी ‘पे टू प्ले’ फैंटेसी स्पोर्ट्स कॉन्टेस्ट को रोक रहे हैं। आपका अकाउंट बैलेंस सुरक्षित है और आप ड्रीम11 ऐप से पैसे निकाल सकते हैं।”

बोर्ड गेम्स पर केंद्रित एक अन्य आरएमजी प्लेटफॉर्म, ज़ूपी ने घोषणा की है कि उसने प्लेटफॉर्म पर सभी ‘पेड गेम्स’ को सस्पेंड कर दिया है।

जूपी के एक प्रवक्ता ने कहा, “जूपी पूरी तरह से चालू रहेगा और हमारे प्लेयर्स प्लेटफॉर्म पर अपने पसंदीदा गेम्स का आनंद लेना जारी रख सकते हैं। नए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के अनुरूप, हम पेड गेम्स बंद कर रहे हैं, लेकिन लूडो सुप्रीम, लूडो टर्बो, स्नेक्स एंड लैडर्स और ट्रंप कार्ड मेनिया जैसे हमारे बेहद लोकप्रिय मुफ्त गेम सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध रहेंगे।”

मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) और गेम्सक्राफ्ट जैसे अन्य आरएमजी प्लेटफॉर्म ने भी अपने प्लेटफॉर्म पर पैसे से संबंधित गेमिंग ऑफरिंग को सस्पेंड कर दिया है और ग्राहकों को आश्वासन दिया है कि वे अपनी शेष राशि आसानी से निकाल सकते हैं।

सरकार ने ऑनलाइन मनी गेमिंग के बढ़ते चलन का हवाला देते हुए इस बिल को पेश किया, जिससे लत, वित्तीय नुकसान और अपराध बढ़े हैं।

इस बिल में आरएमजी की पेशकश, मदद, प्रोत्साहन, उकसावे या इसमें शामिल पाए जाने वालों के लिए 3 साल की कैद और 1 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, बिल में ऐसे खेलों के विज्ञापन, प्रमोशन और स्पॉन्सरशिप के लिए 2 साल की जेल या 50 लाख रुपए के जुर्माने का प्रस्ताव है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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