पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश से अब तक 657 लोगों की मौत


इस्लामाबाद, 18 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान अपने इतिहास में सबसे घातक मानसूनी बारिश से जूझ रहा है। स्थानीय मीडिया ने सोमवार को बताया कि जून के अंत से लगातार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण कम से कम 657 लोगों की मौत हो गई है और करीब 1,000 लोग घायल हो गए हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, 26 जून से अब तक बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में मारे गए 657 लोगों में से 171 बच्चे और 94 महिलाएं थीं।

सभी प्रांतों में, खैबर-पख्तूनख्वा (के-पी) सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां 390 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 288 पुरुष, 59 बच्चे और 43 महिलाएं शामिल हैं।

इस बीच, पंजाब में 164 मौतें हुईं, जिनमें से ज्यादातर बच्चे थे, जबकि सिंध में 28, बलूचिस्तान में 20, पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) में 32, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 15 और इस्लामाबाद में बारिश से उत्पन्न आपदाओं में आठ लोगों की मौत हुई।

एनडीएमए के राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र (एनईओसी) ने पंजाब, के-पी, बलूचिस्तान, पीओके और सिंध के कुछ हिस्सों सहित कई क्षेत्रों में भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए एक आपातकालीन अलर्ट जारी किया।

यह चेतावनी खैबर पख्तूनख्वा में व्यापक विनाश के बाद जारी की गई है, जहां प्रांत में आई सबसे विनाशकारी बाढ़ में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, रविवार तक, शुक्रवार को बादल फटने, बिजली गिरने और अचानक आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या 323 हो गई, जिसमें से 209 मौतें बुनेर जिले में हुईं, जो इस आपदा का केंद्र था।

मृतकों में 273 पुरुष, 29 महिलाएं और 21 बच्चे शामिल हैं, जबकि घायलों में 123 पुरुष, 23 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं।

पीडीएमए ने बताया कि इस आपदा में अब तक 336 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 230 आंशिक रूप से नष्ट हो गए हैं और 106 पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं।

प्रमुख पाकिस्तानी दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एनडीएमए के अध्यक्ष इनाम हैदर के हवाले से कहा, “अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण पीओजीबी और खैबर पख्तूनख्वा की कई बस्तियों से संपर्क टूट गया है। लापता लोगों की तलाश जारी है और कल और राहत सामग्री भेजी जाएगी।”

एनडीएमए ने नागरिकों को अनावश्यक यात्रा से बचने और बदलते मौसम के बीच सतर्क रहने की सलाह दी है।

–आईएएनएस

एससीएच/एएस


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