एनसीआरडीसी सहित 10 राज्यों ने जुलाई में उपभोक्ता मामलों में 100 प्रतिशत से अधिक की निपटान दर की दर्ज


नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस) । उपभोक्ता शिकायत निवारण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) सहित 10 राज्यों ने जुलाई में 100 प्रतिशत से अधिक की निपटान दर दर्ज की। यह दर्शाता है कि इस अवधि के दौरान निपटाए गए मामलों की संख्या दर्ज किए गए मामलों की संख्या से अधिक थी। यह जानकारी रविवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई।

इसके अलावा, ई-जागृति प्लेटफॉर्म के लॉन्च होने के बाद से 6 अगस्त तक एनआरआई सहित दो लाख से अधिक यूजर्स ने प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराया है और अकेले इस वर्ष इसके माध्यम से 85,531 मामले दर्ज किए गए हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, एनसीडीआरसी ने 122 प्रतिशत की निपटान दर हासिल की, जबकि तमिलनाडु में 277 प्रतिशत, राजस्थान में 214 प्रतिशत, तेलंगाना में 158 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 150-150 प्रतिशत, मेघालय में 140 प्रतिशत, केरल में 122 प्रतिशत, पुडुचेरी में 111 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 108 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 101 प्रतिशत की दर दर्ज की गई।

1-31 जुलाई की अवधि के आंकड़ों के विश्लेषण से यह भी पता चला कि देश भर में उपभोक्ता मामलों का समग्र निपटान 2024 की इसी अवधि की तुलना में काफी अधिक था, जो उपभोक्ता विवादों के समय पर और प्रभावी समाधान की दिशा में निरंतर प्रयासों को रेखांकित करता है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने देश भर में उपभोक्ता शिकायत निवारण में बदलाव लाने के लिए नेक्स्ट जनरेशन यूनिफाइड डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में 1 जनवरी, 2025 को ई-जागृति का शुभारंभ किया।

मंत्रालय के अनुसार, अब एनसीडीआरसी और सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यरत, ई-जागृति यूजर्स और अधिवक्ताओं को ओटीपी-आधारित प्रमाणीकरण के माध्यम से पंजीकरण करने, भारत या विदेश में कहीं से भी शिकायत दर्ज करने, ऑनलाइन या ऑफलाइन शुल्क का भुगतान करने और रियल टाइम में मामले की प्रगति पर नजर रखने में सक्षम बनाता है।

इसमें आगे कहा गया है, “ई-जागृति अपने इंक्लूसिव, नागरिक-केंद्रित डिजाइन के लिए विशिष्ट है, जो डिजिटल केस फाइलिंग, दस्तावेज विनिमय, वर्चुअल हियरिंग, रियल टाइम एसएमएस और ईमेल अपडेट, बहुभाषी समर्थन, चैटबॉट सहायता और दृष्टिबाधित और बुजुर्ग यूजर्स की सहायता के लिए वॉइस-टू-टेक्स्ट सुविधाएं प्रदान करता है।”

ई-जागृति निर्बाध शुल्क लेनदेन के लिए भारत कोष और पेगव पेमेंट गेटवे को इंटीग्रेट करती है, रोल-बेस्ड परमिशन और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के माध्यम से सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करती है और वर्कफ्लो को पूरी तरह से डिजिटल बनाकर कागज और यात्रा पर निर्भरता को कम करती है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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