जो मणिपुर पर चैंपियन बने हुए थे, उन्होंने मणिपुर के बिल के विरोध में वोट किया : जेपी नड्डा


नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यसभा में मणिपुर के लिए वर्ष 2025-26 का बजट सोमवार को पेश किया गया। इसे राज्यसभा में ध्वनिमत से स्वीकार करने के उपरांत वापस भेजा गया।

दरअसल, लोकसभा पहले ही मणिपुर बजट 2025-26 पारित कर चुका है।

सोमवार को मणिपुर विनियोग विधेयक, 2025, मणिपुर बजट 2025-26 और मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पर विचार किया गया। विपक्ष के विरोध और नारेबाजी के बीच, विधेयक ध्वनि मत से बहुमत मिलने के बाद वापस भेजे गए। इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ, विपक्ष ने नारेबाजी की। विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार भी किया।

विपक्ष के इस रुख पर नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि जो लोग मणिपुर पर चैंपियन बने हुए थे, उन्होंने मणिपुर के बिल पर चर्चा करना तो दूर, बल्कि उसके विरोध में अपना वोट किया।

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। यही कारण है कि मणिपुर का बजट संसद में पेश किया गया। इस पर राज्यसभा में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मणिपुर का बजट प्रगतिशील और भरोसा जगाने वाले बजटों में से एक है।

मणिपुर बजट 2025-26 सोमवार को राज्यसभा में पेश किया गया। राज्यसभा में पीठासीन डॉ. सस्मित पात्रा ने दोपहर 2 बजे कार्यवाही प्रारंभ होने पर मणिपुर बजट, मणिपुर विनियोग विधेयक 2025 व मणिपुर वस्तु और सेवा कर संशोधन विधेयक को पेश करने की जानकारी दी।

इसके बाद वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में मणिपुर बजट रखा। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी पार्टियों के सांसदों द्वारा ज्ञापन लेकर चुनाव आयोग जाने का मुद्दा उठाया।

वहीं, नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि यहां मणिपुर बजट पर चर्चा हो रही है, इसी कारण विषय से संबंधित बातें ही रिकॉर्ड पर जानी चाहिए। इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने आपत्ति जताते हुए पीठासीन डॉ. सस्मित पात्रा से कहा कि सदन की कार्यवाही आसन के निर्देशन से चलती है। सदन में किस बात को कार्यवाही में रखा जाए, किसका भाषण कार्यवाही में अंकित किया जाए, यह आसन से तय किया जाना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने कहा कि जब हाउस ऑर्डर में नहीं है तो भी ऐसे में विधेयक पारित हो रहे हैं। लोकतंत्र की रक्षा होनी चाहिए। इस पर नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा, ”जैसा कि नेता विपक्ष ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा होनी चाहिए, बिल्कुल होनी चाहिए। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में तय हुआ कि मणिपुर बजट पास किया जाएगा। लेकिन, सदन में विपक्ष के रवैये से में हैरान हूं।”

उन्होंने कहा कि जो लोग बीते दो वर्षों से मणिपुर की बात कर रहे थे, आज जब मणिपुर के बजट की बात हो रही है तो ये लोग विरोध कर रहे हैं। जो लोग मणिपुर पर चैंपियन बने हुए थे, उन्होंने मणिपुर के बिल पर चर्चा करना तो दूर, उसके विरोध में वोट किया। हम इतने सक्षम हैं कि हर बात पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम


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