भारत ने गुरुवार को कहा कि वह वर्षों से विभिन्न माध्यमों से फलस्तीन को राजनीतिक, कूटनीतिक और विकासात्मक समर्थन देना जारी रखे हुए है। विदेश राज्य मंत्री बी मुरलीधरन ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि भारत ने नियमित रूप से इजरायल और फलस्तीन के बीच तनाव बढ़ने के दौरान हिंसा, जानमाल के नुकसान और तबाही पर चिंता व्यक्त की है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत ने लगातार संबंधित पक्षों से संयम बरतने और बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मई 2021 में और फिर अगस्त 2022 में इजरायल और फलस्तीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद भारत ने फिर यही बात दोहराई थी। मुरलीधरन ने दोनों पक्षों की द्विपक्षीय यात्राओं विशेषकर फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फलस्तीन यात्रा का उल्लेख किया।
बहुपक्षीय मंचों पर फलस्तीन का किया समर्थन
मुरलीधरन ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र और इसकी विभिन्न एजेंसियों की बैठकों सहित समय-समय पर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर फलस्तीन का समर्थन किया है। एक अलग सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि करीब 2.30 लाख भारतीय छात्र कनाडा के कालेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा में दो लाख से अधिक भारतीय नागरिकों के पास वर्क परमिट है।