लखनऊ । इस साल रबी की फसलों से किसान और सरकार को भी अच्छी खासी उम्मीद बंधी है। जिसको देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार तकरीबन 80 हजार ग्राम पंचायतों में 3 लाख से ज्यादा क्रॉप कटिंग प्रयोग करा रही है। क्रॉप कटिंग प्रयोग को केंद्र सरकार द्वारा निर्मित सीसीई एग्री ऐप से शत—प्रतिशत कराया जाना है, जिसे प्रदेश के राजस्व विभाग के कर्मचारी संपादित करेंगे। साथी ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि हर हफ्ते फसलों की कटाई को लेकर समीक्षा बैठक करें। बता दें कि उत्तर प्रदेश में रबी की फसलों की कटाई का समय 25 फरवरी से शुरू हो चुका है, जोकि 10 मई तक चलेगा।
3.18 लाख क्रॉप कटिंग प्रयोग
प्रदेश में 2022-23 के रबी सीजन की फसलों की कटाई का दौर शुरू हो चुका है। वर्तमान में लाही-सरसों, आलू, मसूर, चना, अलसी, जौ एवं गेहूं की कटाई का सीजन चल रहा है। पैदावार के वास्तविक आंकड़े ज्ञात करने के लिए योगी सरकार क्रॉप कटिंग प्रयोग शुरू करा चुकी है। प्रयोग से उपलब्ध होने वाले आंकड़ों के हिसाब से सरकार उपज का सही आंकलन कर सकेगी। सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश की 79,622 ग्राम पंचायतों में कुल 3.18 लाख क्रॉप कटिंग प्रयोग कराये जा रहे हैं। दो दिन पहले ही मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने भी क्रॉप कटिंग प्रयोगों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की है। इस दौरान उन्हें बताया गया कि 3.18 लाख प्रयोगों के सापेक्ष अबतक 3742 प्रयोगों का संपादन सीसीई एग्री ऐप के जरिये पूरा किया जा चुका है।
क्रॉप कटिंग प्रयोग के लिए हर किसान को मिलेगी क्षतिपूर्ति
प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित होने वाले क्रॉप कटिंग प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों की शुद्धता के लिए कृषि, राजस्व एवं विकास विभाग के अधिकारियों को जिलाधिकारियों द्वारा नामित किया जा चुका है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रदेश में इम्पैनल्ड बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी क्रॉप कटिंग प्रयोगों का अवलोकन किया जा रहा है। यही नहीं क्रॉप कटिंग के लिए प्रति प्रयोग पर लेखपाल को 80 रुपए मानदेय, मजदूर को 80 रुपए की मजदूरी और किसान को 100 रुपए की क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री की ओर से इस बारे में भी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि लेखपाल द्वारा चयनित किसानों से वार्ता करके ही क्रॉप कटिंग प्रयोग किये जाएं। कृषकों को क्रॉप कटिंग की तिथि से पहले ही अवगत करा दिया जाए। सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तय समय में क्रॉप कटिंग से प्राप्त आंकड़ों को फसल वैरायटी के अनुसार परीक्षण एवं अनुमोदन करने के बाद ही राजस्व परिषद् और कृषि निदेशालय को भेजा जाए। किसी विशेष परिस्थिति को छोड़कर राजस्व कर्मियों की ड्यूटी अन्य कार्यों में ना लगाई जाए।
क्यों कराया जाता है क्रॉप कटिंग प्रयोग
बता दें कि क्रॉप कटिंग प्रयोग, एक दिए गये खेती चक्र के दौरान किसी फसल या क्षेत्र की उपज का सटीक अनुमान लगाने के लिए सरकारों और कृषि निकायों द्वारा किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य फसली क्षेत्र की उपज का निर्धारण करना, क्षेत्र विशेष में उपजी फसल का आंकलन, किसी विशेष वर्ष में कमी होगी या अधिशेष, इसका आंकलन भी क्रॉप कटिंग प्रयोगों के जरिए सरकार पता लगाती है। साथ ही इससे यह निर्धारित करने में भी मदद मिलती है कि किसी विशेष फसल का आयात या निर्यात किया जाना है या नहीं।