हिमाचल प्रदेश: सोलन में भारी बारिश से फसलों पर संकट, कृषि विभाग ने शुरू किया नुकसान का आकलन


सोलन, 7 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। अत्यधिक नमी के कारण खेतों में फसलों पर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है, जिससे कृषि उपज को भारी नुकसान हो रहा है।

कृषि उपनिदेशक देवराज कश्यप ने बताया कि बारिश के चलते फसलों में अर्ली ब्लाइट्स, जड़ गलन और फ्रूट रॉट जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। इन बीमारियों ने विशेष रूप से टमाटर, शिमला मिर्च और अन्य नकदी फसलों को प्रभावित किया है, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट गहरा गया है।

कृषि विभाग ने बारिश से हुए फसल नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। कश्यप के अनुसार, विभाग ने नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसे राजस्व अधिकारियों को भेजा जाएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं। कश्यप ने बताया कि टमाटर जैसी प्रमुख फसलों के लिए मात्र 800 रुपए प्रति बीघा प्रीमियम देकर किसान प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से अपनी फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

कृषि उपनिदेशक ने किसानों को सलाह दी कि वे खेतों में पानी की उचित निकासी सुनिश्चित करें, ताकि फसलों की जड़ों में जलभराव न हो। इसके अलावा, फसलों को पर्याप्त धूप मिलने की व्यवस्था और बीजों को फफूंदनाशक से उपचार करना भी जरूरी है।

देवराज कश्यप ने बताया कि जिन क्षेत्रों में अर्ली ब्लाइट्स की समस्या अधिक है, वहां क्रॉप रोटेशन अपनाना अनिवार्य है। इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और बीमारियों का खतरा कम होता है। उन्होंने किसानों को समय-समय पर फफूंदनाशक दवाइयों का छिड़काव करने की सलाह दी, ताकि फसलों को बीमारियों से बचाया जा सके।

कृषि विभाग ने किसानों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है। कश्यप ने कहा कि विभाग किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन, फफूंदनाशक दवाएं और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा रहा है। इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर कृषि अधिकारियों की टीमें सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।

–आईएएनएस

एकेएस/डीकेपी


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