पुलिस थानों का नाम सुनते ही आपके जहन में सबसे पहले कौन सी बात आती है? निश्चय ही आप भी यही सोचते होंगे कि भगवान ही बचाए पुलिस के चक्कर से। लेकिन यहां बात हो रही है पुलिस थानों की। पुरानी फिल्मों में पुलिस थाने ऐसे दिखाए जाते थे जिनमें कई सुविधाएं नदारद दिखती थीं। साथ ही पुलिसवालों को पुरानी जीप या बाइक पर चलते हुए दिखाया जाता था। लेकिन आज देश भर में ज्यादातर थानों के हालात बदल चुके हैं। कई थानों में तो अब आधुनिक गाड़ियां और तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। ऐसे में आज यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि कोई थाना बिना गाड़ी या बिना मोबाइल फोन के हो सकता है। लेकिन देश में ऐसे कई थाने अब भी हैं जिनके पास न तो अपने वाहन हैं और न ही वायरलेस सेट। जी हां, केंद्र सरकार ने खुद लोकसभा में इस बात की जानकारी दी है।
देश में 63 पुलिस थाने ऐसे हैं जिनके पास अपना कोई वाहन नहीं है। मंगलवार को यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में दी है। उन्होंने एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए बताया कि देश में 628 पुलिस थाने ऐसे भी हैं, जिनके पास टेलीफोन कनेक्शन नहीं है। वहीं, 285 पुलिस थानों के पास वायरलेस सेट या मोबाइल फोन नहीं है। नित्यानंद राय ने सदन में बताया कि देश में करीब 17,535 पुलिस थाने संचालित किए जा रहे हैं।
हंगामे की भेंट चढ़ती सदन की कार्यवाही
आपको बता दें, मौजूदा वक्त में संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। ऐसे में विपक्ष तमाम मुद्दों को लेकर सदन में हंगामा कर रहा है। साथ ही सदन की कार्यवाही में भी बाधा पहुंचा रहा है। कई बार स्थिति काबू बाहर होने पर सदन को स्थगित करने की नौबत भी बन चुकी है। वहीं, मंगलवार को दोनों सदनों में राहुल से माफी की मांग को लेकर हंगामा हुआ। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी से लंदन में भारत की छवि खराब करने को लेकर माफी की मांग की तो कांग्रेस ने अदाणी मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।