बाबूलाल मरांडी ने शिबू सोरेन के निधन को बताया अपूरणीय क्षति, रघुवर ने कहा- मेरे पिता तुल्य थे

रांची, 4 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड आंदोलन के महानायक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड की राजनीति, समाज और जनमानस में गहरा शोक व्याप्त है। राज्य के पूर्व और वर्तमान वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक विरासत को याद किया।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं झामुमो के संरक्षक शिबू सोरेन के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उनका जाना झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को ये दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।”
पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं साझा करते हुए लिखा, “झारखंड आंदोलन के अगुआ, दिशोम गुरु आदरणीय शिबू सोरेन जी के निधन से मर्माहत हूं, स्तब्ध हूं। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। वह मेरे पिता तुल्य रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में मुझे उपमुख्यमंत्री के रूप में सेवा का अवसर मिला। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और हम सभी को यह पीड़ा सहने की शक्ति दें।”
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी अपने शोक संदेश में लिखा, “शिबू सोरेन जी का जाना न केवल व्यक्तिगत दुख है, बल्कि यह झारखंड की राजनीति और सामाजिक चेतना की क्षति है। हमारे संबंध केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आत्मीय भी थे। वे झारखंड की आत्मा थे।”
गोड्डा से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा है कि शिबू सोरेन के निधन से एक युग का अंत हुआ। उन्होंने झामुमो को बढ़ाने में बड़ा योगदान दिया। दुबे ने उनके पुत्र झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
—आईएएनएस
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