बुलंदशहर : स्याना हिंसा मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, 5 को उम्रकैद, 33 को 7 साल की सजा


बुलंदशहर, 1 अगस्त (आईएएनएस)। बुलंदशहर के बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में सात साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। अपर सत्र न्यायालय-12 (एडीजे-12) के जस्टिस गोपाल की कोर्ट ने शुक्रवार को स्याना हिंसा में शामिल 38 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा का ऐलान किया है।

एडीजी 12 कोर्ट ने इस मामले में पांच दोषियों को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि बाकी 33 दोषियों को बलवा, जानलेवा हमला (धारा 307), आगजनी और अन्य गंभीर धाराओं में सात साल की सजा सुनाई है।

बचाव पक्ष के वकील अशोक डागर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “पांच दोषियों को आईपीसी धारा 302 के तहत हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा दी गई। बाकी को धारा 307, 436, 332, और 353 के तहत सात साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मृतक सुबोध कुमार की पत्नी को मुआवजा देने का आदेश दिया है।”

विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह ने इस फैसले पर असंतोष जताते हुए हाई कोर्ट में अपील करने की बात कही। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “स्याना हिंसा मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही 33 आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में कोर्ट ने 302 के तहत 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही कोर्ट ने मुआवजे की राशि को मृतक की पत्नी को देने का आदेश दिया है।”

उन्होंने कहा, “मैं इस केस में डिफेंस काउंसिल हूं और करीब 22 लोगों के पक्ष में केस लड़ रहा था। हम पहले इस केस का विश्लेषण करेंगे और उसके बाद कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।”

बता दें कि यह मामला 3 दिसंबर 2018 का है। स्याना के चिंगरावठी गांव में गोवंश अवशेष मिलने की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी, जिसमें आक्रोशित भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। हिंसा के दौरान तत्कालीन स्याना कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित कुमार की हत्या कर दी गई थी।

–आईएएनएस

एफएम/


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