एप्पल ने भारत में एक और तिमाही में रिकॉर्ड वृद्धि की दर्ज, जल्द ही खुलेंगे नए स्टोर : टिम कुक


क्यूपर्टिनो (कैलिफोर्निया), 1 अगस्त (आईएएनएस) । एप्पल के सीईओ टिम कुक ने कहा कि आईफोन निर्माता ने भारत सहित दो दर्जन से ज्यादा देशों और क्षेत्रों में जून तिमाही में राजस्व रिकॉर्ड बनाए हैं।

विश्लेषकों के साथ बातचीत के दौरान, कुक ने कहा कि ये नतीजे आईफोन, मैक और दूसरी सेवाओं में दोहरे अंकों की वृद्धि के कारण हैं।

एप्पल के सीईओ ने कहा, “हमने दुनिया भर के ज्यादातर बाजारों में विकास में तेजी देखी है, जिन पर हम नजर रखते हैं। हमने हर भौगोलिक क्षेत्र में आईफोन की वृद्धि देखी। इसके अलावा, भारत, मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और ब्राजील सहित उभरते बाजारों में भी दोहरे अंकों की वृद्धि देखी गई।”

कुक ने बताया, “मैक ने लगातार शानदार नतीजे जारी रखे और राजस्व में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हमने सेवाओं में एक और सर्वकालिक राजस्व रिकॉर्ड बनाया, जिसमें विकसित और उभरते दोनों बाजारों में दोहरे अंकों की वृद्धि के साथ 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई।”

कुक ने कहा, “कंपनी ने हाल ही में सऊदी अरब में एप्पल स्टोर ऑनलाइन लॉन्च किया है और हम इस साल के अंत में संयुक्त अरब अमीरात और भारत में नए स्टोर खोलने के लिए बेहद उत्साहित हैं।”

काउंटरपॉइंट रिसर्च के निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि एप्पल भारत में अपनी मजबूत वृद्धि जारी रखे हुए है और दोहरे अंकों की वृद्धि के साथ एक और रिकॉर्ड तोड़ राजस्व तिमाही हासिल की है।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, “इस तिमाही में आईफोन ने 7 प्रतिशत बिक्री और 23 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी हासिल की और आईफोन 16 इस क्षेत्र में सबसे अधिक बिकने वाला मॉडल रहा, जो इस गति का एक प्रमुख कारण है। इस तिमाही की एक प्रमुख विशेषता विनिर्माण में महत्वपूर्ण बदलाव रहा,”

काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, कुल अमेरिकी आईफोन शिपमेंट में भारत का योगदान दूसरी तिमाही में बढ़कर 71 प्रतिशत हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के केवल 31 प्रतिशत से काफी अधिक है।

पाठक ने कहा, “आगे की ओर देखते हुए, एप्पल ने इस साल के अंत में नए रिटेल स्टोर खोलकर भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना की भी घोषणा की है, जो कंपनी की चैनल विस्तार रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”

कुक के अनुसार, अमेरिका में बिकने वाले अधिकतर आईफोन का ‘मूल देश’ अब भारत है। टैरिफ को लेकर कुक ने कहा कि स्थिति बदल रही है।

उनके अनुसार, “जून तिमाही में, हमें लगभग 80 करोड़ डॉलर की टैरिफ-संबंधी लागत का सामना करना पड़ा। सितंबर तिमाही के लिए, यह मानते हुए कि शेष तिमाही में मौजूदा वैश्विक टैरिफ दरें, नीतियां और एप्लीकेशन नहीं बदलेंगे और कोई नया टैरिफ नहीं जोड़ा जाएगा, हमारा अनुमान है कि इससे हमारी लागत में लगभग 1.1 अरब डॉलर का इजाफा होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि इस अनुमान का इस्तेमाल भविष्य की तिमाहियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि टैरिफ दरों सहित कई कारक बदल सकते हैं।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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