मोदी सरकार से सस्ता सोना खरीदने का आज आखिरी मौका है। आज सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तहत सोने में निवेश का यह सुनहरा मौका खत्म हो रहा है। बता दें कागज के टुकड़े के रूप में मिलने वाला यह वह सोना (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड) है, जिसे चोर चुरा नहीं सकता। मुसीबत के समय बेचने जाने पर सुनार मनमाना रेट नहीं लगा सकता। जीएसटी और मेकिंग चार्ज नहीं लगता उल्टे, 2.50 प्रतिशत सलाना ब्याज मिलता है। एक निश्चित अवधि के बाद कैश कराने पर बाजार रेट पर ही बिकता है।
कितनी है कीमत, बाजार भाव से कितना सस्ता
मोदी सरकार के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए कीमत 5,611 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है। अगर आईबीजेए के गुरुवार के बंद भाव 5528 रुपये प्रति ग्राम सोने की कीमत से इसकी तुलना करें यह करीब-करीब 83 रुपये प्रति ग्राम सस्ता है। यह देखने में भले ही सस्ता लग रहा है, लेकिन सोने में निवेश के उद्देश्य से अगर फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो इस पर आपको 3 फीसद जीएसटी भी देना होगा। जबकि, इस बॉन्ड को ऑनलाइन खरीदने वालों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट भी मिल रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि 2022-23 की चौथी श्रृंखला के तहत स्वर्ण बॉन्ड योजना खरीद के लिये छह मार्च से 10 मार्च के दौरान उपलब्ध होगी। इसके लिए निर्गम मूल्य 5,611 रुपये प्रति ग्राम रखा गया है। बता दें सोने की भौतिक मांग को कम करने के इरादे से सबसे पहले गोल्ड बांड योजना नवंबर, 2015 में लाई गई थी।
10 ग्राम पर 500 रुपये की छूट
ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से स्वर्ण बांड के लिए आवेदन और भुगतान करने वाले निवेशकों के लिए निर्गम मूल्य 50 रुपये प्रति ग्राम कम होगा। यानी अगर आप 10 ग्राम लेते हैं तो 500 रुपये की छूट मिलेगी। इस तरह के निवेशकों के लिए स्वर्ण बांड का निर्गम मूल्य 5,561 रुपये प्रति ग्राम है।” केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से स्वर्ण बॉन्ड जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है।
कितना खरीद सकते हैं सोना
इस योजना के तहत सरकार निवेशकों को फिजिकल गोल्ड नहीं देती, बल्कि सोने में निवेश करने का अवसर देती है। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें निवेशक एक वित्त वर्ष में एक ग्राम से लेकर चार किलोग्राम तक सोना खरीद सकता है। ट्रस्ट और विश्वविद्यालयों जैसी संस्थाओं की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है। बॉन्ड की अवधि कुल 8 वर्ष होती है। निवेशकों चाहें तो पांचवें वर्ष के बाद बॉन्ड से बाहर निकलने सकते हैं। निवेशक को बॉन्ड की परिपक्वता पर सोने का मौजूदा बाजार मूल्य मिलता है। यह बॉन्ड बहुत ही आकर्षक होते हैं।