21 वीं सदी की वैश्विक जरूरतों को देखते हुए शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्र में भारत और अमेरिका ने अपने आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमति जताई है। साथ ही ऐसे क्षेत्रों को पहचान कर उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का भरोसा जताया है। दोनों देशों के बीच यह सहमति भारत के दौरे पर आयी अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रेमॉनडो और केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच गुरुवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान बनी है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री रेमॉनडो के साथ चर्चा में प्रधान ने देश में शिक्षा और स्किल के क्षेत्र में की जा रही अपनी पहलों को प्रमुखता से रखा। साथ ही बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत वह देश की ज्यादा से ज्यादा युवा आबादी को किसी न किसी स्किल से जोड़ना चाहते है। इसके लिए पढ़ाई के साथ ही उन्हें स्किल से जुड़ा प्रशिक्षण भी देने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि आज के समय में डिग्री से ज्यादा कौशल व दक्षता महत्वपूर्ण हो गई है।
इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारी भी रहे मौजूद
दोनों देशों के मंत्रियों के साथ इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान 3-एस स्किलिंग के साथ स्टार्ट अप और छोटे व मध्यम उद्यम (एसएमईएस) के क्षेत्र में भी सहयोग पर भी चर्चा हुई है। गौरतलब है कि अमेरिकी वाणिज्य मंत्री रेमॉनडो इन दिनों भारत के दौरे पर है। वह 10 मार्च तक भारत में रहेंगी।