दिल्ली सरकार की 'खेल नीति' से खिलाड़ी खुश, बोले- अब हमें दूसरे राज्य जाने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार की नई खेल नीति की देश के खिलाड़ियों ने जमकर सराहना की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में लागू हुई इस नई नीति को ‘खेलों के लिए ऐतिहासिक कदम’ बताया जा रहा है। टोक्यो ओलंपिक 2020 में रेसलिंग में रजत पदक जीतने वाले रवि दहिया ने कहा कि यह नीति खिलाड़ियों के लिए बेहद प्रोत्साहन देने वाली है। इससे न सिर्फ खेलों में उत्साह बढ़ेगा, बल्कि दिल्ली को खेलों का एक बड़ा केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।
दिल्ली सरकार ने उच्चस्तरीय खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण सहायता राशि 20 लाख रुपये तक बढ़ाई है, जिसमें 10 लाख रुपये तक का मेडिकल इंश्योरेंस भी शामिल है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता मिलेगी।
ओलंपिक मेडलिस्ट रेसलर रवि दहिया ने दिल्ली सरकार का आभार जताते हुए कहा, “सरकार ने खिलाड़ियों के बारे में इतना सोचा, इसके लिए धन्यवाद। खिलाड़ियों के लिए इंश्योरेंस बेहद जरूरी है, क्योंकि कभी भी इंजरी हो सकती है। दिल्ली सरकार ने ऐसा किया है।”
उन्होंने कहा, “भारत सरकार 2036 के ओलंपिक की मेजबानी के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। मुझे उम्मीद है कि भारत को यह मेजबानी मिलेगी। सरकार जिस तरह से सक्रिय है, उससे हमें उम्मीद है कि हम टॉप-5 में जरूर आएंगे।”
दिल्ली सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली के लिए नकद पुरस्कार राशि में भारी इजाफा किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सरकार के इस निर्णय को ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया’ अभियानों से प्रेरित बताया है।
‘मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना’ के तहत अब ओलंपिक और पैरालंपिक पदक विजेताओं को गोल्ड मेडल जीतने पर 3 के बजाय 7 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं, सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 2 के बजाय 5 करोड़ रुपये, जबकि ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 1 के बजाय 3 करोड़ रुपये की प्राइज मनी मिलेगी।
इसके साथ ही एशियन गेम्स और पैरा एशियन गेम्स में मेडल जीतने वालों के लिए भी इनामी राशि में इजाफा किया गया है। एशियाई खेलों के विजेताओं को 3 करोड़ (स्वर्ण), 2 करोड़ (रजत) और 1 करोड़ (कांस्य) मिलेंगे। वहीं, कॉमनवेल्थ और पैराकॉमनवेल्थ खेलों के विजेताओं को 2 करोड़ (स्वर्ण), 1.5 करोड़ (रजत) और 1 करोड़ (कांस्य) की राशि दी जाएगी।
तीरंदाजी में एशियन गेम्स चैंपियन अभिषेक वर्मा ने कहा, “इस पॉलिसी के तहत अब खिलाड़ियों को जॉब ऑफर की जा रही है। कैश अवॉर्ड भी बढ़ाए गए हैं, जो सराहनीय है। एक खिलाड़ी के लिए यह बेहद जरूरी है, क्योंकि वह दिन के 10-15 घंटे मेडल लाने के लिए मेहनत करता है। इस पॉलिसी के चलते अब दिल्ली के खिलाड़ियों को बाहर दूसरे राज्य में जाने की जरूरत नहीं होगी।”
चार बार के एशियन चैंपियन प्रदीप मलिक ने कहा, “दिल्ली सरकार की यह खेल पॉलिसी देश के लिए रोल मॉडल होगी। अब स्कूलों में भी प्रैक्टिस के लिए ग्राउंड्स बनाए जा रहे हैं ताकि बच्चे स्कूल टाइम पर खेल सकें। स्कूल खत्म होने के बाद आस-पास के बच्चे वहां खेल सकते हैं। इससे बच्चों में खेल के प्रति लगाव बढ़ेगा और वे देश-विदेश में नाम रोशन करेंगे।”
एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल जिता चुके नारायण ठाकुर इस पॉलिसी से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, “पहले खिलाड़ी दूसरे राज्यों में जा रहे थे, क्योंकि उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल रही थीं, लेकिन इस नई सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में गली-मोहल्लों से खिलाड़ी निकलेंगे, जो देश का नाम रोशन करेंगे।”
पैरा एशियन गेम्स ब्रॉन्ज मेडलिस्ट राजकुमारी ने कहा, “सरकार की इस नई पॉलिसी से अब खिलाड़ियों को फायदा मिलने जा रहा है। इससे दिल्ली के खिलाड़ी कहीं और नहीं जाएंगे। हमने काफी चुनौतियां देखी हैं, लेकिन हमें फायदा नहीं मिला। मुझे सरकार से उम्मीद थी कि मेडल की बदौलत मुझे नौकरी मिले, लेकिन ऐसा नहीं हो सका था। अब अगर नौकरी मिलती है, तो इससे हमें प्रोत्साहन मिलेगा।”
–आईएएनएस
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