जमीन के बदले नौकरी मामले को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। बिहार की राजधानी पटना में राबड़ी देवी के आवास पर सोमवार की सुबह सीबीआई टीम पहुंची है। जमीन के बदले नौकरी मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बड़ी बेटी मीसा भारती समेत 16 आरोपितों को 15 मार्च को दिल्ली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में हाजिर होने का समन जारी किया है। उन पर बतौर रेल मंत्री 2004 से 2009 के दौरान जमीन लेकर नौकरी देने का आरोप है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है जमीन के बदले नौकरी घोटाला और इस मामले में अभी तक कौन कौन हो चुका है अरेस्ट…
2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ। बताया गया है कि नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं। आरोप है कि 2004 से 2009 की अपने कार्यकाल के दौरान, लालू प्रसाद यादव ने उम्मीदवारों से रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी की नौकरी के बदले अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीन ली थी और फायदा उठाया था। इसमें तो पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के जरिए लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना में मौजूद अपनी जमीन बेची थी, वे ऐसी अचल संपत्तियों के ट्रांसफर में भी शामिल थे।
रेलवे में भर्ती के लिए ना कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी जो पटना के निवासी थे… उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित अलग-अलग जोनल रेलवे में सब्स्टिट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया था। सीबीआई के मुताबिक इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर हासिल की थी।
लालू के करीबी भोला यादव हुए थे अरेस्ट
इस मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव व हृदयानंद का भी नाम शामिल है। भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था। लालू यादव 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री थे, उस दौरान भोला यादव उनके ओएसडी थे। यह मामला लालू के परिवार को तोहफे में या बेची गई जमीन के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिए जाने से संबंधित है। आरोप है कि 7 लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी गई थी, जिसमें 2 जमीनें लालू के परिवार को गिफ्ट की गई थीं, जबकि बाकी 5 जमीनें काफी कीमत पर खरीदी गई थीं।