एप्पल ने भारत में 2025 की पहली छमाही में बनाए रिकॉर्ड तोड़ आईफोन, निर्यात में भी सबसे ज्यादा वृद्धि


नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस) । केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि एप्पल ने भारत में स्मार्टफोन निर्माण में एक नया मानक स्थापित किया है और 2025 की पहली छमाही के दौरान आईफोन उत्पादन के साथ-साथ निर्यात में अब तक की सबसे तेज वृद्धि हासिल की है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए ग्लोबल टेक मैन्युफैक्चरिंग में देश की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “एप्पल ने भारत में रिकॉर्ड आईफोन उत्पादन हासिल किया।”

मार्केट रिसर्च फर्म कैनालिस के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी और जून 2025 के बीच भारत में आईफोन उत्पादन सालाना आधार पर 53 प्रतिशत बढ़कर 23.9 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया।

2017 में देश में स्मार्टफोन असेंबलिंग शुरू करने के बाद से यह एप्पल का सबसे बड़ा विस्तार है।

इस वृद्धि को खासकर चीनी वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा उच्च टैरिफ के मंडराते खतरे के बीच एप्पल की चीन पर निर्भरता कम करने की रणनीति के तहत देखा जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात में भी इसी तरह की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक है।

भारत में निर्मित आईफोन के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़ा गंतव्य था, जहां कुल निर्यात का 78 प्रतिशत निर्यात हुआ, जो एक साल पहले 53 प्रतिशत था।

नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और जापान जैसे अन्य बाजारों में भारतीय आईफोन शिपमेंट में उनकी हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई।

रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अग्रणी भूमिका निभाई, जिसने निर्यात किए गए आईफोन में आधे से अधिक का योगदान दिया।

टाटा समूह भी एक मजबूत प्लेयर के रूप में उभरा है, जो अब भारत से एप्पल के आईफोन निर्यात का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है।

विश्लेषकों का कहना है कि यह बेहतर मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन और भारत की क्षमताओं में एप्पल के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

कैनालिस ओमडिया के प्रमुख विश्लेषक संयम चौरसिया ने कहा, “यह भारत में एप्पल का अब तक का सबसे पहला प्रमुख उत्पादन विस्तार हो सकता है।”

उन्होंने कहा कि अगर भारत चीन के प्रोडक्शन टाइमलाइन की बराबरी कर लेता है तो यह एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन रणनीति में एक नया अध्याय लिखेगा।

इस वृद्धि को इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए ‘उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना’ का भी समर्थन प्राप्त है, जो स्थानीय उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्माताओं को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।

यह विकास ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी एक बढ़ावा देता है, जिसका उद्देश्य देश को एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करना है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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