शुभांशु का अनुभव भारत के 'गगनयान' मिशन के लिए महत्वपूर्ण : भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक अजय लेले


नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सकुशल पृथ्वी पर वापसी को लेकर देशभर में उत्साह है। इसी बीच, भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक अजय लेले ने मंगलवार को शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी को भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया।

भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक अजय लेले ने आईएएनएस को बताया, “मेरे हिसाब से यह भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मिशन है, क्योंकि 41 साल पहले भारत के राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे, उसके बाद यह मात्र दूसरे भारतीय महारथी हैं, जो अंतरिक्ष में गए। महत्वपूर्ण यह है कि यह शुभांशु पहले महारथी हैं, जो इंटरनेशनल स्पेस सेंटर में गए। यह इंटरनेशनल स्पेस सेंटर 2000 से ऑपरेटिव है, लेकिन अब तक किसी भारतीय को वहां पर जाने का मौका नहीं मिला था।”

उन्होंने कहा, “अगर शुभांशु शुक्ला का मिशन देखें, तो यह दो-तीन मामलों में काफी महत्वपूर्ण है। भारत का अपना एक लंबा गगनयान प्रोग्राम है, जिसमें खुद के स्पेस सेंटर को डेवलप करने की बात है। इस प्रोग्राम के लिए शुभांशु शुक्ला ने जो अनुभव प्राप्त किया है और जो उन्होंने प्रयोग किए हैं, वे काफी फायदेमंद साबित होने वाले हैं।”

शुभांशु के डायबिटीज पर किए गए शोध पर उन्होंने कहा, “शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा हमारे भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए महत्वपूर्ण है। डायबिटीज मरीजों के लिए कहा जाता है कि कोई भी एस्ट्रोनॉट जिसे डायबिटीज होगा, वह स्पेस में नहीं जा सकता है। शुभांशु ने डायबिटीज पर शोध किया था। वहीं, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में माइक्रोग्रैविटी वातावरण में कैंसर के ऊपर काफी सालों से रिसर्च जारी है। ऐसे में जो रिसर्च पहले हो चुका है, उसमें शुभांशु का रिसर्च और ज्यादा प्रकाश डाल सकता है।”

दूसरी ओर, नेहरू प्लेनेटेरियम में मौजूद छात्र भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी पर उत्साहित नजर आए। एक छात्रा ने कहा कि शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में बिताए अपने अनुभव को शेयर करेंगे, जो बहुत ही मददगार साबित होगा।

वहीं, कोलकाता के बिड़ला औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकीय संग्रहालय में भी एक्सिओम मिशन-4 की वापसी की लाइव स्ट्रीमिंग की गई। वहां के छात्र भी शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी पर उत्साहित नजर आए।

–आईएएनएस

एससीएच/एबीएम


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