उत्तर प्रदेश : गोंडा जिले में 20 अनाधिकृत मदरसों पर कार्रवाई, मान्यता रद्द करने की तैयारी


गोंडा, 14 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में 20 मदरसों के अनाधिकृत रूप से संचालन का मामला सामने आया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जांच में पाया गया कि ये मदरसे सरकार द्वारा निर्धारित मान्यता नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

इन मदरसों ने नियमों को दरकिनार कर मान्यता हासिल की थी, लेकिन अब इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। विभाग ने इन मदरसों की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार को भेजा है।

जांच में सामने आया कि ये 20 मदरसे उत्तर प्रदेश मदरसा नियमावली 2016 के तहत आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं करते। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इन मदरसों को कई बार पत्र जारी कर मानकों को पूरा करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इनके द्वारा कोई सुधार नहीं किया गया। नतीजतन विभाग ने इनके संचालन को बंद करने का निर्णय लिया है।

गोंडा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि इन मदरसों की मान्यता रद्द करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रजिस्ट्रार उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड को भेजा गया है। मान्यता रद्द होने के बाद भी यदि ये मदरसे संचालित होते पाए गए, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा पर किसी तरह का असर न पड़े, इसके लिए विभाग ने विशेष कदम उठाए हैं। इन मदरसों के सभी बच्चों का नामांकन नजदीकी परिषदीय विद्यालयों और मान्यता प्राप्त मदरसों में कराया गया है। इससे बच्चों की पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रहेगी और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

रमेश चंद्र ने आगे बताया कि जांच के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आई है, जिनमें बुनियादी ढांचे की कमी, शिक्षकों की योग्यता और पाठ्यक्रम से संबंधित अनियमितताएं शामिल हैं। इन मदरसों ने न केवल नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया। यह कार्रवाई शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और नियमों का पालन कराने के लिए जरूरी है।

आपको बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों के संचालन के लिए सख्त नियम बनाए हैं, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुरक्षित माहौल मिल सके। नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ आये दिन सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है, जिससे पूरे प्रदेश में मदरसों के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

–आईएएनएस

एकेएस/जीकेटी


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