बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता की जबरन गिरफ्तारी, कई संगठनों ने की निंदा


क्वेटा, 7 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के बीच पाकिस्तान की काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) ने बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलजार दोस्त को जबरन हिरासत में ले लिया। इस घटना की कई मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी निंदा की है।

मानवाधिकार संगठन बलूच यकजैती कमेटी (बीवाईसी) की कार्यकर्ता सामी दीन बलूच ने गुलजार दोस्त की “जबरन गिरफ्तारी” को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि गुलजार दोस्त को सोमवार तड़के बलूचिस्तान के केच जिले के तुर्बत स्थित उनके घर से सीटीडी ने जबरन उठा लिया।

उन्होंने कहा, “यह सोची-समझी साजिश के तहत बलूच आवाजों को दबाने और शांतिपूर्ण असहमति जताने वालों को डराने की कार्रवाई है। गुलजार दोस्त जैसे अहिंसक कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई संकेत देती है कि शांतिपूर्ण विरोध भी उतना ही खतरनाक समझा जा रहा है, जितना आतंकवाद।”

गुलजार दोस्त की पहचान एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में है जो हमेशा न्याय के लिए अहिंसात्मक मार्ग अपनाते रहे हैं। बीवाईसी ने उनकी तत्काल रिहाई और सुरक्षा की मांग की है।

सामी ने कहा, “यदि राज्य बलूचिस्तान में वास्तव में शांति चाहता है, तो उसे हिंसा नहीं, बल्कि बदलाव के लिए शांतिपूर्ण प्रयास करने वालों की सुरक्षा करनी होगी। हर प्रकार के प्रतिरोध को सजा देकर लोकतांत्रिक रास्ते बंद कर देना, चरमपंथ को ही जन्म देता है।”

संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार रक्षकों की विशेष प्रतिनिधि मैरी लॉलर ने भी पाकिस्तान से गुलजार दोस्त की तत्काल रिहाई की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मुझे गुलजार दोस्त की हिरासत की चिंता है। मैंने 2024 में उनसे ऑनलाइन बातचीत की थी। मैं पाकिस्तान के स्थायी मिशन से मांग करती हूं कि उन्हें तुरंत वकील, परिवार से मिलने की अनुमति मिले और जल्द रिहा किया जाए।”

ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ बलूचिस्तान (एचआरसीबी) ने भी गिरफ्तारी को निंदनीय बताया और गुलजार दोस्त की बिना शर्त रिहाई की मांग की। संगठन ने कहा कि गुलजार दोस्त ने बलूचिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों के परिवारों के लिए लगातार काम किया है और इसके लिए उन्हें कई बार झूठे मामलों में फंसाया गया और चौथे शेड्यूल में डाला गया।

बलूच वॉइस फॉर जस्टिस (बीवीजे) ने भी इस जबरन हिरासत की कड़ी आलोचना करते हुए इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है। संगठन ने कहा, “गुलजार दोस्त की जबरन गिरफ्तारी पूरी तरह से गैरकानूनी और अमानवीय है। उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस तरह की कार्रवाई तुरंत बंद होनी चाहिए।”

गौरतलब है कि बलूचिस्तान में लंबे समय से मानवाधिकार हनन, जबरन गायब करने और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर दमन का आरोप पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर लग रहे हैं।

–आईएएनएस

डीएससी/एबीएम


Show More
Back to top button