नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन रोधी कानून के तहत शिवसेना सांसद संजय राउत और उनके परिजनों से जुड़े अलीबाग के आठ भूखंड और मुंबई में दादर के एक फ्लैट को कुर्क किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भूखंड और फ्लैट की खरीद-बिक्री पर रोक के लिए अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया है। यह कुर्की मुंबई में एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन की जांच से संबंधित है। ईडी ने इस मामले में महाराष्ट्र के व्यवसायी प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था और बाद में आरोपपत्र भी दाखिल किया था। एजेंसी ने पिछले साल संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े धन शोधन के एक अन्य मामले और प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के साथ उनके कथित संबंधों को लोकर पूछताछ की थी।
संजय राउत ने पहले ही जताया था अंदेशा, लिखा था उपराष्ट्रपति को पत्र
बता दें कि कुछ समय पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा था, जिसमें दावा किया गया था कि 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके और उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों के खिलाफ अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। संजय राउत ने आरोप लगाया था कि ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए ‘मंशा’ से किया जा रहा है।
तो यह है मामला
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 2007 में, HDIL (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की एक सहयोगी कंपनी, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को MHADA (महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा पात्रा चॉल के पुनर्विकास के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला था। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल के 672 किरायेदारों के लिए फ्लैट तैयार करने थे और लगभग 3000 फ्लैट MHADA को सौंपने थे। कुल भूमि 47 एकड़ की थी। MHADA और पात्रा चॉल किरायेदारों को फ्लैट सौंपने के बाद गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को बची हुई भूमि को बिक्री और डेवलपमेंट के लिए अनुमति दी जानी थी।
लेकिन गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने पात्रा चॉल या MHADA को दिए जाने वाले किसी अन्य फ्लैट को डेवलप नहीं किया। बल्कि उसने 1,034 करोड़ रुपये में लगभग आठ अन्य बिल्डरों को जमीन बेच दी।
प्रवीण राउत, जिसे अब ईडी ने गिरफ्तार किया है, वह HDIL के सारंग और राकेश वधावन के साथ फर्म में निदेशकों में से एक था, जो पीएमसी बैंक घोटाला मामले में मुख्य आरोपी हैं। मार्च 2018 में, म्हाडा ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था, जबकि सारंग वधावन को उसी साल सितंबर में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। बाद में प्रवीण राउत को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
संजय राउत का कनेक्शन
ईडी ने मामले में ईसीआईआर दर्ज किया और 1 फरवरी को एजेंसी ने प्रवीण राउत और उनके सहयोगी सुजीत पाटकर के आवास कार्यालयों सहित लगभग सात स्थानों पर तलाशी ली। प्रवीण राउत को 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था, जबकि पाटकर का बयान ईडी ने दर्ज किया था।
प्रवीण राउत शिवसेना नेता संजय राउत के दोस्त हैं और पीएमसी बैंक घोटाला मामले में जांच के दौरान उनका नाम भी सामने आया था। यह पता चला था कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया था, जिसका उपयोग राउत परिवार द्वारा दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया गया था। ईडी ने वर्षा और माधुरी राउत का बयान दर्ज किया था।
ईडी के सूत्रों के अनुसार, 2010 में, प्रवीण राउत को इक्विटी और भूमि सौदे की बिक्री की आड़ में उनके बैंक खाते में 95 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने में सक्षम नहीं थी और कोई आय भी नहीं हुई थी। एक अन्य व्यक्ति, सुजीत पाटकर, जिसके आवास पर ईडी ने मामले के सिलसिले में तलाशी ली थी, वह प्रवीण राउत का सहयोगी है, और संजय राउत के साथ भी जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
पाटकर पिछले साल से एक वाइन ट्रेडिंग फर्म में संजय राउत की बेटी के साथ पार्टनर हैं। पाटकर की पत्नी और संजय राउत की पत्नी ने इससे पहले अलीबाग में संयुक्त रूप से जमीन खरीदी थी। अलीबाग भूमि सौदा ईडी जांच के दायरे में है क्योंकि ऐसा संदेह है कि जमीन की खरीद के लिए धन का इस्तेमाल किया गया था।