महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्याएं सरकार की नाकामी का परिणाम : सुनील प्रभु


मुंबई,3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया कि जनवरी से मार्च तक राज्य में कुल 700 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता (यूबीटी) सुनील प्रभु ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने किसानों की आत्महत्या को राज्‍य सरकार की नाकामी का परिणाम बताया है।

शिवसेना नेता (यूबीटी) सुनील प्रभु ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्याएं सीधे तौर पर सरकार की नाकामी का परिणाम हैं। सरकार ने किसानों से कई वादे किए, लेकिन जमीन पर कोई मदद नहीं पहुंचाई। भारी कर्ज और मानसिक तनाव के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

एक किसान द्वारा बैल की जगह खुद को लगाकर खेत जोतने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पर सुनील प्रभु ने कहा कि यह महाराष्ट्र में किसानों की दुर्दशा को दिखाता है। वीडियो वायरल होने के बाद भी न तो कोई सरकारी सहायता भेजी गई और न ही ट्रैक्टर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गईं।

सुनील प्रभु ने दिशा सालियान मामले में आदित्य ठाकरे को घसीटे जाने के सवाल पर कहा कि आदित्य ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) को जानबूझकर बदनाम करने की साजिश रची गई। यह भाजपा की राजनीतिक साजिश है। पुलिस की रिपोर्ट से भी स्पष्ट है कि इसमें कोई तथ्य नहीं है, फिर भी बार-बार शिवसेना को निशाना बनाया जा रहा है। भाजपा को महाराष्ट्र के युवाओं से माफी मांगनी चाहिए।

वहीं, सुनील प्रभु ने वारी यात्रा में ‘अर्बन नक्सल’ कहे जाने पर प्रतिक्रिया दी है। वारी यात्रा को लेकर ‘अर्बन नक्सल’ जैसे आरोपों को सुनील प्रभु ने पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि वारी एक आस्था और भक्ति का पर्व है। इसमें लाखों श्रद्धालु ईश्वरभक्ति के साथ भाग लेते हैं। ऐसे आरोप लगाकर कुछ लोग केवल हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और सस्ती प्रसिद्धि पाना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एएसएच/जीकेटी


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