सरकार को किसानों की परवाह नहीं है : विजय वडेट्टीवार


मुंबई, 2 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार की उन नीतियों की जमकर आलोचना कर रही है, जिसमें सरकार की ओर से दावा किया गया कि किसानों के हित में सरकार कार्य कर रही है। किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार किसानों की परवाह नहीं करती है। अगर इसे किसी की परवाह है तो वो सिर्फ बड़े-बड़े बिल्डरों की है।

बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार सिर्फ किसानों के वोट चाहती है, लेकिन उन्हें देने के लिए उसके पास कुछ नहीं है। यह सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि किसानों को मदद करने की जरूरत है। बारिश के कारण किसानों की जो फसल बर्बाद हुई, सरकार को चाहिए कि उसका मुआवजा दें। लेकिन, सरकार के पास जवाब देने का समय नहीं है।

किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में लिखा, “2025 के शुरुआती 3 महीनों में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली। ये आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है, जो केंद्र की मोदी सरकार में किसानों की बदहाली बयां कर रहा है। भाजपा सरकार में किसान भारी कर्ज से दबे हैं। वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। खेती के सामान पर जीएसटी लगी है। किसानों को फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा। केंद्र सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक ‘किसानों की आय’ दोगुनी हो जाएगी, लेकिन आज ‘किसानों की आय’ आधी हो गई है। चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था का ढोल पीटने वाली सरकार देश के पूंजीपतियों का लाखों-करोड़ का कर्ज तो माफ कर देती है, लेकिन किसानों का एक रुपया माफ नहीं करती। कुल मिलाकर सरकार देश के अन्नदाताओं को तबाह करने पर तुली है।

कांग्रेस के इन आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा की ओर से सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे थे। लेकिन इनके चेहरे पर कभी शिकन तक नहीं दिखी। आज जब भाजपा महायुति सरकार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है, तो कांग्रेस सस्ती राजनीति के सहारे फिर से सत्ता का भूख मिटाना चाहती है। सच ये है, कांग्रेस को किसानों की चिंता नहीं, सिर्फ सत्ता की भूख है। जिस कारण से देश के अन्नदाताओं को भी इन्होने सत्ता की सीढ़ी बना लिया।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी


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