अमेरिका ने रोकी यूक्रेन की सैन्य मदद, पेट्रियट एयर डिफेंस और मिसाइलें नहीं मिलेगी


ह्यूस्टन, 2 जुलाई (आईएएनएस)। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के अपने भंडार की समीक्षा के बाद यूक्रेन को दी जाने वाली ‘सैन्य सहायता’ के एक हिस्से को रोक दिया है। इसकी पुष्टि व्हाइट हाउस और पेंटागन ने की है।

‘व्हाइट हाउस’ की प्रवक्ता एना केली ने कहा, “हमारे देश के मिलिट्री सपोर्ट और दुनियाभर के अन्य देशों को दी जाने वाली सहायता की समीक्षा के बाद अमेरिका के हितों को प्राथमिकता देने के लिए यह फैसला लिया गया है।”

कई अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने स्रोतों का हवाला देते हुए बताया कि यह कदम अमेरिकी सैन्य भंडार के बहुत कम होने की चिंताओं के बीच उठाया गया है।

सिन्हुआ के अनुसार पिछले महीने अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने यूक्रेन को तीन साल की मदद, यमन के हौथी समूह और ईरान पर हालिया हमलों के बाद हथियारों के अमेरिकी भंडार की समीक्षा करने का आदेश देते हुए एक ज्ञापन जारी किया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समीक्षा में यह पाया गया कि पहले प्लेज्ड किए गए कुछ हथियारों का भंडार बेहद कम था।

रक्षा विभाग के पॉलिसी अंडर सेक्रेटरी एल्ब्रिज कोल्बी ने कहा कि पेंटागन इस युद्ध को खत्म करने के अपने लक्ष्य के अनुरूप, यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखने के लिए राष्ट्रपति को मजबूत विकल्प प्रदान करना जारी रखेगा।

कोल्बी ने कहा, “इसी के साथ, विभाग इस लक्ष्य को हासिल करने के अपने दृष्टिकोण की सख्ती से समीक्षा और अनुकूलन कर रहा है, ताकि अमेरिकी सेनाओं की तैयारी और प्रशासन की रक्षा प्राथमिकताओं को भी सुरक्षित रखा जा सके।”

पिछले सप्ताह हेग में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि यूक्रेन, अमेरिका से पैट्रियट एयर डिफेंस मिसाइल प्राप्त करने को लेकर बेहद उत्सुक है।

ट्रंप ने कहा, “वह एंटी-मिसाइल मिसाइलें चाहते हैं। हम देखेंगे कि क्या हम कुछ उपलब्ध करा सकते हैं। हमें भी उनकी जरूरत है। हम उन्हें इजरायल को भी दे रहे हैं। ये बेहद प्रभावी हैं, सौ प्रतिशत असरदार। यकीन करना मुश्किल है कि यह कितनी प्रभावी हैं। यूक्रेन को किसी और चीज से ज्यादा इन्हीं की जरूरत है।”

एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से अमेरिका ने यूक्रेन को 66 अरब डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता और हथियार प्रदान किए हैं।

–आईएएनएस

आरएसजी


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